हिंदू पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर 2024, सोमवार से पौष माह की शुरुआत हो चुकी है। यह हिंदी वर्ष का दसवां महीना है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को शांति मिलती है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।
पौष माह के दौरान सूर्यदेव की गति धीमी हो जाती है, जिसे खरमास कहा जाता है। इसी कारण इस माह में शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है, लेकिन दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं। उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री के अनुसार, इस माह में सूर्यदेव की आराधना, व्रत और विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति का संचार होता है।
पंचांग के अनुसार, हिंदू पंचांग का दसवां महीना पौष 16 दिसंबर 2024, सोमवार से शुरू हो चुका है और इसका समापन 13 जनवरी 2025 को होगा। यह माह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान सूर्य देव की उपासना विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
पौष मास के दौरान हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है, जिससे ठंड अपने चरम पर होती है। इस पवित्र माह में कई व्रत और त्योहारों का आयोजन किया जाएगा। हालांकि, खरमास के कारण इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होंगे। पौष मास को दान-पुण्य, पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।
सूर्यदेव की पूजा करें
पौष माह में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस माह में प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। जल चढ़ाने के लिए उसमें लाल फूल, लाल चंदन और अक्षत मिलाना शुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान किसी भी सूर्य मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। पौष माह में सूर्यदेव की आराधना से न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं।
गर्म कपड़े दान करें
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पौष मास में सर्दी के प्रकोप के साथ दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दौरान जरूरतमंदों को गरम कपड़े, कंबल और गुड़ का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
ऐसा करने से न केवल जीवन में सुख और शांति का संचार होता है, बल्कि सूर्यदेव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। यह दान आपकी आत्मिक संतुष्टि बढ़ाने के साथ-साथ समाज में आपकी प्रतिष्ठा को भी मजबूत करता है।
खिचड़ी का भोग लगाएं
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पौष माह में सूर्य देव को तिल और चावल की खिचड़ी का भोग अर्पित करना बेहद फलदायी है। इसके साथ ही इस समय लाल और पीले वस्त्र पहनने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भाग्य में वृद्धि होती है। इन उपायों से जीवन में सकारात्मक बदलाव आने के साथ-साथ सूर्य देव की आशीर्वाद से कई लाभ मिलते हैं।
व्रत में नमक न खाएं
पौष माह के दौरान प्रत्येक रविवार को व्रत रखना और सूर्य देव की पूजा करना बेहद लाभकारी माना जाता है। इस व्रत में नमक का सेवन न करें और मीठा भोजन करें। सूर्य देव की पूजा से उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे कुंडली में उनका प्रभाव मजबूत होता है। यह व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि, सफलता और समृद्धि को सुनिश्चित करता है।
नया कार्य शुरू न करें
पंडित जी के अनुसार, पौष माह में शुभ कार्य करना नहीं होता है उचित। खरमास के चलते इस समय कोई भी मांगलिक कार्य वर्जित होता है। इस अवधि में नए कार्यों की शुरुआत से बचना चाहिए और उन्हें अगले माह के लिए टाल देना चाहिए, ताकि अच्छे परिणाम मिल सकें।