आठवें भाव में शनि का प्रभाव आपके करियर में उतार-चढ़ाव उत्पन्न कर सकता है, जिसके कारण आपको पेशेवर जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
Shani kundali dasha
कुंडली के आठवें भाव में शनि का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण असर डालता है। यह भाव आयु का भाव होता है और शनि के यहां होने से कई उतार-चढ़ाव उत्पन्न हो सकते हैं। शनि का प्रभाव व्यक्ति की बुद्धि को सही समय पर प्रयोग करने में रुकावट डाल सकता है, और इस स्थान को गुप्त कार्यों का भाव माना जाता है।
इस प्रभाव से जातक को अपने जन्मस्थान से दूर रहने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और उसे कामकाज या अन्य कारणों से दूर जाना पड़ सकता है। हालांकि, जातक विद्वान होने के साथ-साथ स्वभाव से दयालु भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, शनि के प्रभाव से जातक को विरासत में संपत्ति मिलने की संभावना भी होती है।
शनि की सीधी दृष्टि इस भाव से दूसरे, पांचवें और दसवें भाव पर होती है, जो बिजनेस, शिक्षा, धन-संपत्ति और कार्य क्षेत्र पर गहरा असर डालती है। इस भाव में शनि के प्रभाव से जातक को ऐसी शक्तियां प्राप्त हो सकती हैं, जो सामान्यतः बहुत कम लोगों को ही मिलती हैं।
शनि के सकारात्मक प्रभाव
शनि के आठवें भाव में होने से व्यक्ति के जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव देखे जा सकते हैं। इस स्थिति में जीवन के दूसरे चरण में व्यक्ति को सुख और संतुलन की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही, 36 वर्ष की आयु के बाद भाग्य में सुधार होने की संभावना होती है, और शनि के शुभ प्रभाव से जातक दीर्घायु भी हो सकता है।
इसके अलावा, शनि का सकारात्मक प्रभाव जातक को सफलता की ओर अग्रसर करता है। इस स्थिति में व्यक्ति का आध्यात्मिक दृष्टिकोण मजबूत होता है, और वह भक्ति भाव में लीन रहकर जीवन के उद्देश्य को समझता है। इस प्रकार, शनि के शुभ प्रभाव से जीवन में स्थिरता, संतुलन और मानसिक शांति प्राप्त होती है, जो व्यक्ति के समग्र कल्याण के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
आठवें भाव में शनि का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी गहरा असर डालता है। इस स्थिति में शनि के कारण व्यक्ति को विवाह के माध्यम से आर्थिक लाभ हो सकता है, लेकिन साथ ही जीवन में कई चुनौतियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। शनि के प्रभाव से जातक को परिवार और दोस्तों के साथ रिश्तों में तनाव का सामना करना पड़ सकता है। कभी-कभी, विवाह के बाद आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो सकता है। इस स्थिति में शनि के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ मतभेद और अलगाव की स्थिति भी बन सकती है। इसके अतिरिक्त, पारिवारिक जीवन में समस्याएँ आ सकती हैं, जिसके कारण मानसिक तनाव और अशांति का सामना करना पड़ सकता है।
करियर पर प्रभाव
आठवें भाव में शनि का प्रभाव व्यक्ति के करियर पर गहरा असर डालता है। इस ग्रह के प्रभाव से जातक को करियर में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। शनि के इस प्रभाव में जातक को कोयला, खनन, पेट्रोलियम जैसे क्षेत्रों में अच्छा लाभ मिल सकता है। हालांकि, शनि के शुभ और अशुभ प्रभाव दोनों ही करियर के उत्थान या पतन का कारण बन सकते हैं। रिसर्च जैसे क्षेत्रों में भी शनि का प्रभाव सकारात्मक हो सकता है, जिससे जातक का करियर उन्नति की ओर अग्रसर होता है। इसके अलावा, योग शिक्षक, चिकित्सक और जादूगर जैसे क्षेत्रों में भी शनि के प्रभाव से जातक सफलता पा सकते हैं।