World Interfaith Harmony Week 2025: धर्म से परे, प्रेम और सद्भाव का संदेश – अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह में एकता और शांति का वैश्विक उत्सव

World Interfaith Harmony Week 2025: धर्म से परे, प्रेम और सद्भाव का संदेश – अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह में एकता और शांति का वैश्विक उत्सव
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

World Interfaith Harmony Week: हर साल 1 से 7 फरवरी के बीच विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा पारित एक प्रस्ताव का परिणाम है, जो दुनिया भर में अंतरधार्मिक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस पहल की शुरुआत 2010 में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय और प्रिंस गाजी बिन मुहम्मद ने की थी। इस सप्ताह का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच परस्पर समझ और सम्मान को बढ़ावा देना हैं।

विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह का इतिहास

•    2010 में शुरुआत: जॉर्डन के महामहिम राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने सितंबर 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह प्रस्ताव रखा।
•    अक्टूबर 2010: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी और फरवरी के पहले सप्ताह को अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह के रूप में घोषित किया।
•    'अ कॉमन वर्ड' पहल: इस पहल के माध्यम से मुस्लिम और ईसाई धर्मगुरुओं ने दो समान मूलभूत धार्मिक सिद्धांतों - ईश्वर के प्रति प्रेम और पड़ोसी के प्रति प्रेम पर चर्चा की।
•    धर्म और समाज: यह सप्ताह धर्म के मानवीय मूल्यों को उजागर करता है और दर्शाता है कि प्रेम, करुणा और दया सभी धर्मों का आधार हैं।

विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह का महत्व

•    धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा: यह सप्ताह सभी धर्मों के बीच सहिष्णुता को मजबूत करता हैं।
•    सामाजिक सौहार्द: विभिन्न धार्मिक समुदायों को एक साथ लाकर यह समाज में समरसता और सौहार्द स्थापित करने में मदद करता हैं।
•    शांति और सहयोग: यह धार्मिक नेताओं और सामाजिक संगठनों को एक मंच प्रदान करता है, जिससे वे शांति और सहयोग के संदेश को आगे बढ़ा सकें।

विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह कैसे मनाएं?

1. धार्मिक संगोष्ठियों में भाग लें

इस सप्ताह के दौरान दुनिया भर में कई धार्मिक संवाद, वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। आप इनका हिस्सा बन सकते हैं और विभिन्न धर्मों के बारे में जान सकते हैं।

2. ऑनलाइन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देखें

यदि आप कहीं बाहर नहीं जा सकते, तो अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह से जुड़े ऑनलाइन इवेंट्स और चर्चाओं को देख सकते हैं।

3. सामाजिक कार्यों में योगदान दें

इस सप्ताह के दौरान विभिन्न धर्मों के संगठनों द्वारा जरूरतमंदों की सहायता के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। आप इनमें भाग लेकर समाज सेवा कर सकते हैं।

4. नए धर्मों के बारे में जानें

इस अवसर पर किसी अन्य धर्म की मान्यताओं, अनुष्ठानों और परंपराओं के बारे में पढ़ें। इससे धार्मिक सद्भाव और सहिष्णुता को बढ़ावा मिलेगा।

धर्म से जुड़े 5 रोचक तथ्य

•    ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है - इसमें लगभग 2.5 अरब अनुयायी हैं।
•    नास्तिकता भी एक विश्वास प्रणाली है - दुनिया में लगभग 1.2 अरब लोग किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते।
•    रस्ताफ़ारी सबसे छोटा धर्म है - इसके केवल 600,000 अनुयायी हैं।
•    इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है - इसके लगभग 2 अरब अनुयायी हैं।
•    ईसाई धर्म, इस्लाम और यहूदी धर्म अब्राहमिक धर्म हैं - इन सभी धर्मों का मूल एक ही है और ये अब्राहम की पूजा करते हैं।

विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह क्यों महत्वपूर्ण है?

1. शांति को बढ़ावा देता है

यह सप्ताह विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच भाईचारे और शांति को बढ़ावा देता है। इससे समाज में सकारात्मकता बढ़ती हैं।

2. मानवता का जश्न मनाता है

इस सप्ताह के दौरान किए गए कार्यक्रम मानवता के महत्व को दर्शाते हैं और हमें प्रेरित करते हैं कि हम दयालु और सहिष्णु बनें।

3. विविधता में एकता को दर्शाता है

हम सभी अलग-अलग धर्मों को मानते हैं, लेकिन प्रेम, करुणा और भक्ति की भावना हमें एक सूत्र में बांधती है। यह सप्ताह इसी एकता का प्रतीक हैं।
विश्व अंतरधार्मिक सद्भाव सप्ताह हमें यह सिखाता है कि सभी धर्मों के मूल में प्रेम और करुणा है। यह सप्ताह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें धर्मों के बीच सद्भाव, सहिष्णुता और परस्पर सम्मान को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है। आइए, इस सप्ताह को सार्थक बनाएं और इसे शांति, प्रेम और एकता का पर्व बनाएं।

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