चीन ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। चीन ने बताया कि वह चांद पर अपना बेस स्थापित करने जा रहा है। चीन केवल बेस बनाने की योजना नहीं बना रहा है, बल्कि अगले कुछ दशकों में अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए मानवयुक्त चंद्र मिशन आरंभ करेगा, चंद्र अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करेगा, और रहने योग्य ग्रहों तथा अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज करने की दिशा में भी कदम उठाएगा।
China space: भारत ने वर्ष 2023 में चंद्रयान को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस उपलब्धि के साथ, भारत ने चीन, अमेरिका और रूस की श्रेणी में अपनी जगह बना ली। इस समय, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो आने वाले समय के लिए कई नए मिशनों पर काम कर रही है। इसी बीच, चीन से एक नई खबर आई है। पड़ोसी देश चीन ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह चांद पर अपना बेस स्थापित करने जा रहा है।
चीन केवल बेस स्थापित नहीं करेगा, बल्कि वह अगले कुछ दशकों में अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए मानवयुक्त चंद्र मिशन शुरू करने, चंद्र अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और रहने योग्य ग्रहों एवं अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज करने की योजना बना रहा है। चीन ने कहा है कि ये सभी कार्य अगले कुछ दशकों में पूरे कर लिए जाएंगे। इस दौरान, चीन ने अपने अंतरिक्ष मिशन के लिए 2050 तक की पूरी रणनीति भी साझा की है।
NASA और CNSA के बीच आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा
अंतरिक्ष के क्षेत्र में चीन और अमेरिका अक्सर एक-दूसरे को चुनौती देते रहते हैं। NASA और CNSA के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ हमेशा बनी रहती है। NASA को चुनौती देने के लिए, चीन की अंतरिक्ष एजेंसी CNSA ने 2050 तक की पूरी योजना बना ली है और आने वाले कुछ वर्षों में चीन अंतरिक्ष में अपना बेस तैयार करने की दिशा में कदम उठाएगा।
चीन के प्रमुख अंतरिक्ष संस्थानों ने अंतरिक्ष विज्ञान के लिए दीर्घकालिक विकास कार्यक्रम का अनावरण किया है, जो 2024 से 2050 तक देश के अंतरिक्ष विज्ञान मिशनों और अनुसंधान की योजना को मार्गदर्शित करेगा।
चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज (CAS), चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन और चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी ने एक कार्यक्रम में चीन के अंतरिक्ष विज्ञान लक्ष्यों को स्पष्ट किया है। इस कार्यक्रम में पांच प्रमुख वैज्ञानिक विषयों के अंतर्गत 17 प्राथमिकता वाले क्षेत्र और तीन चरणों का ढांचा शामिल किया गया है।
CAS के उपाध्यक्ष डिंग चिबियाओ ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि चीन द्वारा स्थापित अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन का निर्माण 2028 से 2035 तक दूसरे चरण के दौरान किया जाएगा। यह कार्यक्रम 2050 तक चीन में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास के लिए एक रोडमैप का भी प्रस्ताव रखता है।
चीन की 2050 तक की पूरी प्लानिंग
- पहले चरण में, चीन 2027 तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन, मानवयुक्त चंद्र अन्वेषण परियोजना और अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के चौथे चरण पर ध्यान केंद्रित करेगा, साथ ही ग्रह अन्वेषण परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाएगा।
- चीन की नयी योजना के तहत वैज्ञानिक सौर मंडल और उससे बाहर स्थित ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे और पृथ्वी के अलावा जीवन के अस्तित्व की खोज करेंगे।
- डिंग ने बताया कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष विकास के मुख्य क्षेत्रों में सौर मंडल की उत्पत्ति और विकास, ग्रहों के वायुमंडल का विश्लेषण, अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज, और बाह्य ग्रहों का अन्वेषण शामिल होंगे।
- इस कार्यक्रम के अनुसार, चरम ब्रह्मांड का विषय ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास, चरम ब्रह्माणीय परिस्थितियों में भौतिक नियमों का खुलासा, डार्क मैटर और ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास, साथ ही ब्रह्माणीय बारियोनिक पदार्थ का पता लगाने पर केंद्रित होगा।
- मध्यम से निम्न आवृत्ति की गुरुत्वाकर्षण तरंगों और आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अध्ययन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष-समय की प्रकृति को उजागर करना और सूर्य एवं पृथ्वी का अन्वेषण करना है। इसके आलावा इन क्षेत्रों में पृथ्वी की चक्र प्रणालियां, पृथ्वी-चंद्रमा का व्यापक अवलोकन, अंतरिक्ष मौसम का अवलोकन, त्रि-आयामी सौर अन्वेषण और हीलियोस्फीयर का अन्वेषण भी शामिल हैं।