Health Side Effects of Internet: टीनएजर्स के लिए इंटरनेट का उपयोग कारना घातक, फोकस और मेंटल ग्रोथ पर पड़ रहा असर, ब्रेन हेल्थ पर इसके हानिकारक प्रभाव

Health Side Effects of Internet: टीनएजर्स के लिए इंटरनेट का उपयोग कारना घातक, फोकस और मेंटल ग्रोथ पर पड़ रहा असर, ब्रेन हेल्थ पर इसके हानिकारक प्रभाव
Last Updated: 05 सितंबर 2024

सभी लोगों का जीवन इस समय इंटरनेट से घिरा हुआ है। हर छोटे-बड़े काम के लिए इंटरनेट के माध्यम से ही करते हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल ज्यादा करने से छोटे बच्चों और टीनएजर्स पर इसका असर उनके ब्रेन हेल्थ पर नजर आने लगा हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क: मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी से हमारा जीवन गिर चूका है। मोबाइल और इंटरनेट तकनीक के ऐसे ही दो माध्यम हैं, जिनके आसपास रहकर हम लोग अपना ज्यादातर समय बिता रहे हैं। इन दिनों छोटे बच्चे से लेकर टीनएजर तक सभी सोशल मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के आदि हो चुके हैं। लेकिन इंटरनेट की यह बुरी लत अब पेरेंट्स के लिए एक बड़ा चैलेंज बन गई है। खासकर काम उम्र के बच्चों के साथ इसे डील करना काफी मुश्किल होता हैं।

बताया की इस उम्र में बच्चे कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे होते हैं। इसलिए उनके साथ सख्ती और रोकटोक काफी घातक हो सकती हैं। चाइल्ड माइंड इंस्टीट्यूट से मिली जानकारी के मुताबिक पत्रकार ने बताया कि छोटे बच्चों का इंटरनेट से लगाव पेरेंट्स के लिए किसी नशा करने वाले व्यक्ति से भी खतरनाक हो गया हैं।

इंटरनेट से ब्रेन और फोकस पर पड़ता हैं असर

चाइल्ड माइंड इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक मीडिया ने बताया कि टीनएजर एक दिन में तकरीबन 4-5 घंटे इंटरनेट पर बिता रहे हैं। इस दौरान एक से दो घंटे तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने से सेहत पर कोई खास दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन लिमिट से ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करने से सेहत पर इसका बुरा असर देखने को मिलता हैं। PLOS मेंटल हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक 10 से 19 साल के बच्चों पर ज्यादा इंटरनेट के इस्तेमाल से उनके ब्रेन फंक्शन में कई बदलाव होते है और साथ ही फोकस और काम करने की क्षमता, बौद्धिक विकास और मानसिक स्वास्थ्य में कमी हो जाती हैं।

टीनएजर पर इंटरनेट का दुष्प्रभाव

टीनएजर द्वारा इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करना उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इंटरनेट का आदि होने की वजह से कई बार टीनएजर साइबर बुलिंग का शिकार बन जाते हैं। साथ ही सोशल मीडिया की चकाचौंध भरी जिंदगी देखकर कुढ़ को तुच्छ समझने लगते हैं। इसके अलावा टीनएजर की एकेडमिक परफॉर्मेंस पर भी गलत असर पड़ता है। इसके अलावा नींद प्रभावित होना, हर समय थका हुआ और कंफ्यूजन महसूस करना साथ ही किसी क्रिएटिव और मेंटल वर्कआउट वाले काम में बिल्कुल भी मन नहीं लगना तथा लाइफस्टाइल काफी इनएक्टिव हो जाना तथा आलस महसूस होना सब इंटरनेट और मोबाइल के दुष्प्रभाव हैं।

बच्चों को इंटरनेट से कैसे दूर रखे

1. बच्चों की मोबाईल चलाने की आदत को कम करना।

2. बच्चे की जिद को हराकर उसे कोई और काम में व्यस्त कर देना।

3. बच्चों से नई पुराणी बातें करते रहें और उन्हें अकेला महसूस न होने दें।

4. बच्चों को मोबाइल गेम की जगह आउटडोर गेम्स के लिए प्रेरित करें।

5. इंटरनेट और मोबाइल उपयोग करने का नियम बनाएं और बच्चे से पहले खुद इन नियम का पालन करें, ताकि आपको देख कर बच्चों में इसका पॉजिटिव असर पड़ें।

 

 

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