Jio, Airtel, BSNL और Vi जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए TRAI ने नया निर्देश जारी किया है। TRAI जल्द ही OTP मैसेज ट्रेसेबिलिटी के नियम को लागू करने जा रहा है। इस कदम का मकसद स्पैम और फेक मैसेज की समस्या पर लगाम लगाना है।
इस नियम से न केवल टेलीकॉम ऑपरेटर्स की जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि करोड़ों मोबाइल यूजर्स को अनचाहे मैसेज और साइबर फ्रॉड से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। TRAI का यह फैसला डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने और मोबाइल सेवाओं को अधिक भरोसेमंद बनाने के लिए एक अहम पहल है।
TRAI OTP Message Traceability Rule
इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही स्पैम कॉल्स, साइबर फ्रॉड और अनचाहे मैसेज की समस्या तेजी से बढ़ी है। लेकिन अब देशभर के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत मिलने वाली है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्पैम और कॉमर्शियल मैसेज की समस्या पर लगाम लगाने के लिए Message Traceability नियम लागू करने का फैसला लिया है।
TRAI ने इस नियम को लागू करने के लिए Jio, Airtel, BSNL और Vi जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों को पहले ही आवश्यक समय दिया था। अब इस मोहलत की अवधि समाप्त हो चुकी है, और जल्द ही यह नियम पूरे देश में लागू हो जाएगा।
इस नियम के तहत हर कॉमर्शियल मैसेज को ट्रैक किया जाएगा, जिससे स्पैम मैसेज भेजने वाले स्रोत का आसानी से पता लगाया जा सके। TRAI का यह कदम मोबाइल यूजर्स को साइबर फ्रॉड और अनचाहे मैसेज से स्थायी राहत देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
11 दिसंबर से लागू होंगे नए नियम
स्पैम और अनचाहे टेलिमार्केटिंग मैसेज पर लगाम लगाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने Message Traceability नियम को लागू करने की घोषणा कर दी है। TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को इस नियम को लागू करने के लिए 30 नवंबर 2024 तक की मोहलत दी थी। हालांकि, पहले यह नियम 1 दिसंबर से लागू होना था, लेकिन कंपनियों की मांग पर समयसीमा 10 दिन बढ़ाकर अब 11 दिसंबर कर दी गई है।
TRAI ने साफ किया है कि 11 दिसंबर 2024 से यह नियम सख्ती से लागू होगा। इसके तहत अब केवल उन्हीं मैसेज को डिलीवर किया जाएगा, जो टेलिमार्केटिंग के तय मानकों का पालन करते हैं। यह कदम मोबाइल यूजर्स को अनचाहे और स्पैम मैसेज से राहत देने के लिए उठाया गया है।
TRAI ने इस नियम के संबंध में एक आधिकारिक प्रेस रिलीज भी जारी की है। इसके मुताबिक, यह कदम मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। 11 दिसंबर के बाद अनियमित टेलिमार्केटिंग मैसेज की समस्या से यूजर्स को राहत मिलने की उम्मीद है।
फेक मैसेज पर लगेगी लगाम
TRAI का Message Traceability नियम 11 दिसंबर से लागू होने जा रहा है, जिससे मोबाइल यूजर्स को फेक और स्पैम मैसेज से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इस नियम के तहत सभी कॉमर्शियल मैसेज और ओटीपी संबंधित मैसेज को ट्रैक किया जा सकेगा।
अब तक मैसेज ट्रेस न होने की वजह से साइबर ठग मोबाइल यूजर्स को तरह-तरह के फ्रॉड में फंसा कर ठगी करते रहे हैं। लेकिन TRAI के इस कदम से ऐसे मामलों पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
नया नियम टेलीकॉम ऑपरेटर्स को स्पैम और फर्जी मैसेज रोकने में मदद करेगा, जिससे अनचाहे मैसेज का सिलसिला थमेगा। TRAI का यह फैसला मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा को मजबूत करने और डिजिटल ठगी के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
OTP मिलने में नहीं होगी देरी
Message Traceability नियम को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थीं, जिनमें सबसे बड़ी चिंता थी कि इससे ओटीपी (OTP) मैसेज की डिलीवरी में देरी हो सकती है। लेकिन TRAI ने इन सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है।
TRAI का कहना है कि यह नियम पूरी तरह से मोबाइल यूजर्स की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है। इसके जरिए मैसेजिंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और स्पैम व फेक मैसेज पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
TRAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि Traceability लागू होने के बाद OTP मैसेज एकदम समय पर डिलीवर होंगे। यूजर्स को न तो किसी परेशानी का सामना करना पड़ेगा और न ही उनकी सेवाओं में कोई रुकावट आएगी। यह नया कदम डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करने और मोबाइल यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।