NASA Update: NASA ने पेश किया डरावना मॉडल! भारत सहित पूरी दुनिया पर मंडरा रहा खतरा, वायुमंडन में छा रहे CO2 गैस के बादल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने एक ऐसा खौफनाक वीडियो जारी किया है जिसमें पूरी दुनिया पर कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) के बादल छाए हुए नजर आ रहें हैं। नासा ने खास कंप्यूटर और मॉडल्स की मदद से एक मैप तैयार किया है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे भारत सहित कई देशों पर कार्बन डाइऑक्साइड के बादल घिरे हुए हैं।
National Aeronautics and Space Administration (NASA): NASA ने एक डरावना मॉडल पेश किया है, जिसमें उसने दावा किया है कि दुनियाभर में वायुमंडल पर कार्बन डाइऑक्साइड के खतरनाक बदल मंडरा रहे हैं। ऐसा देखा जाता हैं कि developed countries में सबसे ज्यादा मात्रा में carbon dioxide गैस का उत्सर्जन हो रहा हैं जिसके कारण earth का temperature प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं। इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिखाई दे रहा हैं की कैसे पूरी दुनिया पर कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) के बादलो ने वायुमंडल को घेर रखा हैं।
कहां से होता है कार्बन का सबसे ज्यादा उत्सर्जन?
नासा साइंटिस्ट लेस्ली ओट से मिली जानकारी के मुताबिक इस नक़्शे को खास कंप्यूटर और मॉडल्स की सहायता से तैयार किया गया हैं। जो वीडियो हमे यह दर्शाता है कि कैसे कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) गैस हमारे वायुमंडल में घुल रहा हैं। उन्होंने बताया है कि सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन चीन, अमेरिका और दक्षिण एशिया में हो रहा हैं।
GEOS मॉडल क्या काम करता हैं?
बता दें कि इस मैप को GEOS नामक मॉडल का इस्तेमाल करके तैयार किया गया हैं, जो Goddard अर्थ observing system का छोटा रूप है। ग्लोबल एंटिटी ऑनलाइन सिस्टम (GEOS) यह एक ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली हैं, इसे स्मार्ट कम्प्यूटर द्वारा generate किया गया हैं। इस मोडल का उपयोग वायुमंडल की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाता है। जानकारी के अनुसार सन 1998 से यह मोडल उपयोग में लिया जा रहा हैं।
Co2 गैस का हो रहा उत्सर्जन
नासा के साइंटिस्ट द्वारा बताया गया हैं कि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में सबसे ज्यादा मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा हैं। इन क्षेत्रों में जंगलों की आग से CO2 फ़ैल रही है। इसके अलावा तेल और कोयले के जलने की वजह से भी कार्बन डाईऑक्साइड गैस अधिक मात्रा में निकल रही हैं। नासा की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 की रिसर्च से यह पता चला की वायुमंडल में कुछ जगहों पर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 427 पार्ट्स प्रति मिलियन दर्ज की गई हैं।
ग्लोबल वार्मिंग बन रही हैं मौत का कारण
गौरतलब है कि कार्बन एक रासायनिक तत्व हैं,यह धरती पर इंसानों के लिए महत्वपूर्ण है। कार्बन जीवन के लिए मूल निर्माण खंड होता है और जीवित जीवों के शरीर को बनाने में भी सहायता करता है। कार्बन की कुछ मात्रा ही धरती पर जरूरत है, परन्तु इसका ज्यादा मात्रा में उत्सर्जन धरती पर गर्मी की बढ़ोतरी का कारण बन सकता हैं। इसके तहत ग्लोबल वार्मिंग का खतरा देश भर में और अधिक बढ़ जाएगा।