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8th Pay Commission Update: सैलरी 100 से 180% तक बढ़ सकती है, समझिए फिटमेंट फैक्टर का फॉर्मूला

8th Pay Commission Update: सैलरी 100 से 180% तक बढ़ सकती है, समझिए फिटमेंट फैक्टर का फॉर्मूला

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. नए वेतनमान में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच तय हो सकता है, जिससे सैलरी में 100 से 180 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है।

8th Pay Commission Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी गई। यह फैसला लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।

आठवें वेतन आयोग की कमान रंजना प्रकाश देसाई के हाथों में

आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। उनके साथ आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य बनाया गया है। केंद्र सरकार ने आयोग को 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपने का निर्देश दिया है। इस अवधि में आयोग कर्मचारियों, मंत्रालयों और वित्त विभाग के प्रतिनिधियों से सलाह लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा।

वेतन आयोग की रिपोर्ट कब आएगी?

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, आयोग अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपने के बाद ही वेतन संशोधन लागू करने की तारीख तय की जाएगी। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, नई वेतन संरचना 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती है। यह निर्णय करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आएगा, जिनकी आय और पेंशन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की संभावना है।

क्या होता है टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR)?

टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) वेतन आयोग का वह दस्तावेज़ होता है जो आयोग के कामकाज की रूपरेखा तय करता है। इसमें वे दिशा-निर्देश और शर्तें शामिल होती हैं, जिनके आधार पर आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करता है।

इसका मसौदा जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) द्वारा तैयार किया जाता है, जो वित्त मंत्रालय के अधीन काम करती है। मसौदे को केंद्रीय कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलती है। जेसीएम में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जो सचिव स्तर के अधिकारियों से विचार-विमर्श कर ToR को अंतिम रूप देते हैं।

सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला: क्या है फिटमेंट फैक्टर?

कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी का मुख्य आधार होता है फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)। यह एक ऐसा गुणांक है जिससे पुराने बेसिक पे को गुणा करके नया बेसिक पे निकाला जाता है।

उदाहरण के तौर पर, सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था। यानी अगर किसी कर्मचारी का बेसिक पे 10,000 रुपये था, तो संशोधित पे 25,700 रुपये हुआ। वही फॉर्मूला अब आठवें वेतन आयोग में भी लागू होगा।

नया बेसिक पे = पुराना बेसिक पे × Fitment Factor

कितना बढ़ सकता है केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच तय किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो सैलरी में 100 से 180 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है। पिछली बार, 2.57 फिटमेंट फैक्टर से वेतन में 157 प्रतिशत वृद्धि हुई थी, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ।

हालांकि, अंतिम निर्णय से पहले सरकार महंगाई दर, राजकोषीय घाटा और आर्थिक स्थिति जैसे पहलुओं का मूल्यांकन करेगी। इन कारकों पर संतुलन बनाना जरूरी है ताकि वित्तीय बोझ नियंत्रित रहे और कर्मचारियों को राहत भी मिले।

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