एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 15वें उपराष्ट्रपति बने। उन्होंने इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए।
New Delhi: एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और outgoing उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। इस जीत के साथ एनडीए ने एक बार फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
चुनाव में आसान जीत, विपक्ष बंटा दिखा
इस उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल किए जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। वोटिंग नतीजों ने साफ कर दिया कि एनडीए को केवल अपने गठबंधन दलों का ही नहीं बल्कि विपक्षी खेमे से भी समर्थन मिला। क्रॉस-वोटिंग के चलते इंडिया ब्लॉक के भीतर दरार एक बार फिर उजागर हो गई। राधाकृष्णन की जीत चुनाव से पहले ही तय मानी जा रही थी क्योंकि एनडीए के पास पहले से ही मजबूत संख्याबल था।
एनडीए के पास पहले से बहुमत
संसद में एनडीए के पास कागज़ पर 427 सांसदों का समर्थन था। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों और कई छोटे दलों ने भी राधाकृष्णन को समर्थन दिया। इससे वह बहुमत के लिए जरूरी 377 वोटों के आंकड़े को आसानी से पार कर गए। विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी और जब क्रॉस-वोटिंग की खबरें सामने आईं तो नतीजा और भी साफ हो गया।
अचानक हुए चुनाव की वजह
उपराष्ट्रपति का चुनाव अचानक इसलिए कराना पड़ा क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। धनखड़ का कार्यकाल अभी बाकी था, लेकिन उनकी जगह पर तुरंत नया चुनाव कराना जरूरी हो गया। इसी कारण एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया और वे जीतकर उपराष्ट्रपति बने।
महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा
चुनाव जीतने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी जगह गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अस्थायी तौर पर महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। नई नियुक्ति होने तक वही यह जिम्मेदारी निभाएंगे।
राधाकृष्णन का लंबा राजनीतिक करियर
67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बेहद लंबा और सक्रिय रहा है। वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वे तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। उनका राजनीतिक करियर जनसंघ से शुरू हुआ था और बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी गहरी जड़ें रखते हैं और संगठनात्मक स्तर पर सक्रिय रहे हैं।