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लखनऊ में बसपा की मुस्लिम भाईचारा बैठक, मायावती करेंगी संबोधित

लखनऊ में बसपा की मुस्लिम भाईचारा बैठक, मायावती करेंगी संबोधित

बसपा सुप्रीमो मायावती बुधवार को लखनऊ में मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक को संबोधित करेंगी। बैठक का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय से जुड़ाव बढ़ाना, एसआईआर (Special Intensive Revision) पर चर्चा करना और आगामी चुनावों के लिए रणनीति मजबूत करना है।

UP News: उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती बुधवार को लखनऊ में पार्टी के ‘मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन’ की विशेष मंडल स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगी। यह कार्यक्रम पार्टी की मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पहुँच को और मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है।

बसपा के उत्तर प्रदेश कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, यह बैठक 29 अक्टूबर को सुबह 11 बजे 12- मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। पार्टी ने साफ किया कि मायावती इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगी और सभी संबोधन और संदेश सीधे समुदाय के सदस्यों तक पहुँचेंगे।

बैठक का उद्देश्य

इस विशेष मंडल स्तरीय बैठक का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ना और उनकी समस्याओं को समझना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम बसपा की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पार्टी उत्तर प्रदेश के विभिन्न समुदायों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। इस बैठक में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता भाग लेंगे।

मायावती की उपस्थिति को विशेष महत्व इसलिए भी दिया जा रहा है क्योंकि वे अपने भाषण में मुस्लिम समाज की भागीदारी को बढ़ावा देने और पार्टी के सामाजिक और राजनीतिक एजेंडे को स्पष्ट रूप से साझा करेंगी। बैठक में समुदाय के मुद्दों और विकास के उपायों पर भी चर्चा होगी।

मायावती के संबोधन में एसआईआर पर चर्चा

बैठक में मायावती मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) के मामलों पर भी बात करेंगी। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में एसआईआर के तहत मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के निर्देश जारी किए हैं। बसपा सुप्रीमो इस विषय पर पार्टी की स्थिति और समुदाय के मतदाताओं को इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देंगी।

क्या है पार्टी की रणनीति

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में बसपा ने 9 अक्टूबर को अपने संस्थापक दलित नेता कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में एक जनसभा का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में भी पार्टी ने अपने विभिन्न समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने का प्रयास किया। विशेषज्ञों का कहना है कि मायावती की आगामी बैठक इसी रणनीति का अगला चरण है, जिसमें पार्टी मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर सीधे संवाद स्थापित कर अपनी साख और समर्थन बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

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