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Air India Crash Update: ब्लैक बॉक्स से खुलेंगे राज, 270 मौतों का असली कारण क्या था?

Air India Crash Update: ब्लैक बॉक्स से खुलेंगे राज, 270 मौतों का असली कारण क्या था?
अंतिम अपडेट: 30-11--0001

12 जून को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में अब बड़ी प्रगति हुई है। जांच एजेंसियों को विमान का ब्लैक बॉक्स यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर मिल चुका है और उसका डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया है। यह जानकारी सामने आने के बाद अब हादसे के असली कारणों तक पहुंचने की उम्मीद और तेज हो गई है।

सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी कि ब्लैक बॉक्स अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया था और 24 जून को उसका डेटा सफलतापूर्वक निकाला गया। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो यानी एएआईबी ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि अब जांच अपने अहम मोड़ पर है।

हादसे के बाद पहली बार मिली ठोस तकनीकी जानकारी

एयर इंडिया की यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यह विमान एक हॉस्टल की इमारत से टकरा गया था। इस भयानक हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। केवल एक यात्री इस हादसे में जिंदा बच पाया।

हादसे के तुरंत बाद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की तलाश शुरू कर दी गई थी। 13 जून को मलबे से एक रिकॉर्डर बरामद किया गया, जो एक इमारत की छत पर पड़ा था। जबकि दूसरा रिकॉर्डर मलबे में दबा मिला था। दोनों डिवाइसेज़ को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के बाद वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली भेजा गया था।

डेटा विश्लेषण से मिलेगी हादसे की असली वजह

नागर विमानन मंत्रालय ने बताया है कि 25 जून को इन दोनों रिकॉर्डरों के मेमोरी मॉड्यूल से डेटा निकाला गया। इसमें कॉकपिट में हुई बातचीत, इंजन की स्थिति, ऊंचाई, गति, रडार निर्देश, और अन्य तकनीकी जानकारी शामिल है। ये सारे डेटा हादसे से ठीक पहले की घटनाओं की श्रृंखला को समझने में बेहद मददगार साबित होंगे।

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच भारत में ही हो रही है और ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजे जाने की अटकलें पूरी तरह गलत हैं। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के पास ब्लैक बॉक्स सुरक्षित है और जांच भारतीय विशेषज्ञों की देखरेख में की जा रही है।

एएआईबी की टीम कर रही है गहराई से जांच

एयर इंडिया हादसे की जांच कर रही एएआईबी की विशेषज्ञ टीम ने ब्लैक बॉक्स से प्राप्त जानकारी का गहन विश्लेषण शुरू कर दिया है। प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि उड़ान के शुरुआती क्षणों में ही कोई गंभीर तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई थी, जिसके चलते विमान नियंत्रित नहीं रह सका।

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से यह पता चल सकेगा कि पायलट और को-पायलट के बीच किस प्रकार की बातचीत हुई और उन्होंने किन तकनीकी चुनौतियों का सामना किया। वहीं फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से विमान की गति, ऊंचाई, पिच, योल, रोल जैसी जानकारियां मिलेंगी जो हादसे की वास्तविक तस्वीर को सामने लाने में सहायक होंगी।

हादसे ने खड़े किए कई गंभीर सवाल

इस दुर्घटना ने देश की विमानन सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विमान के उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों में इस तरह का हादसा होना यह संकेत देता है कि तकनीकी जांच और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से लेकर रनवे प्रबंधन तक सभी पहलुओं की गहराई से जांच जरूरी है। 

घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि विमान अचानक नीचे की ओर झुक गया और हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि चार मंजिला इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और आसपास की गलियों में भी मलबा फैल गया।

पीड़ित परिवारों को मिला राहत पैकेज

सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एयर इंडिया ने भी कहा है कि वह पीड़ितों के परिवारों के साथ हर संभव मदद के लिए खड़ी है। हालांकि, पीड़ित परिवार अब न्याय की मांग कर रहे हैं और हादसे के असली कारणों को सार्वजनिक करने की अपील कर रहे हैं।

ब्लैक बॉक्स कैसे करता है काम

ब्लैक बॉक्स दरअसल दो हिस्सों में होता है, एक होता है कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और दूसरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर। यह उपकरण विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता है, जहां क्रैश के दौरान इसका सुरक्षित रहना अधिक संभव होता है। यह उड़ान के दौरान हर सेकंड की गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।

इसमें हजारों पैमानों पर जानकारी इकट्ठा होती है, जैसे इंजन की गति, ऊंचाई, दिशा, पायलट की कमांड, और कॉकपिट में मौजूद सभी आवाजें। ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी से ही पता चलता है कि हादसे के वक्त पायलट क्या कर रहा था और विमान में क्या तकनीकी स्थिति थी।

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