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Air India हादसा: बिना छुए फ्यूल स्विच कैसे हिले? AAIB रिपोर्ट पर उठे गंभीर सवाल

Air India हादसा: बिना छुए फ्यूल स्विच कैसे हिले? AAIB रिपोर्ट पर उठे गंभीर सवाल

एयर इंडिया AI171 हादसे की AAIB रिपोर्ट पर पायलट संघ ने फ्यूल स्विच के बिना छुए हिलने पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में तकनीकी गड़बड़ी की आशंका जताई गई है और जांच की पारदर्शिता पर चिंता जाहिर की गई है। 

Air India की फ्लाइट AI171 के अहमदाबाद हादसे की जांच रिपोर्ट पर फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सवाल उठाए हैं। अध्यक्ष चरणवीर सिंह रंधावा ने तकनीकी खामी और निर्णय प्रक्रिया की पारदर्शिता पर चिंता जताई है।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से कई सवालों ने जन्म लिया

एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 की अहमदाबाद में हुई घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इस रिपोर्ट में कुछ तकनीकी पहलुओं पर रोशनी जरूर डाली गई है, लेकिन साथ ही कई नई आशंकाओं और सवालों को भी जन्म दिया है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष चरणवीर सिंह रंधावा ने इस रिपोर्ट पर गहरी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह रिपोर्ट कई जरूरी पहलुओं को स्पष्ट नहीं करती है।

कौन ले रहा था निर्णय? रिपोर्ट में नहीं है स्पष्टता

रंधावा के अनुसार उस समय विमान को सह-पायलट उड़ा रहे थे और कप्तान निगरानी की भूमिका में थे। रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि आपात स्थिति में आखिर किसने निर्णय लिया। जबकि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की मदद से यह पहचानना संभव होता है कि किसने क्या कहा।

फ्यूल स्विच की 'खुद-ब-खुद' मूवमेंट पर गहरी चिंता

AAIB की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ईंधन नियंत्रण स्विच (Fuel Control Switches) बिना किसी इनपुट के खुद अपनी पोजीशन बदल गए थे। यानी स्विच 'कट-ऑफ' से 'रन' मोड में आ गए थे, जबकि किसी ने उन्हें छुआ तक नहीं।

रंधावा ने इसे संभावित इलेक्ट्रॉनिक या सॉफ्टवेयर गड़बड़ी बताया है और कहा है कि यदि यह सही है, तो यह गंभीर तकनीकी समस्या का संकेत हो सकता है।

बोइंग की पुरानी एडवाइजरी का उल्लेख

पायलट संघ के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि दिसंबर 2018 में बोइंग ने इसी प्रकार की गड़बड़ी को लेकर 737 विमानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। रंधावा का कहना है कि यह केवल एक सूचना नहीं, बल्कि एक सख्त निर्देश होना चाहिए था ताकि सभी विमान समय पर जांचे जा सकते।

सिस्टम फेल या पायलट की गलती?

रंधावा ने रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं लगता कि पायलटों ने स्वेच्छा से फ्यूल स्विच को तब तक छुआ होगा जब तक उन्हें दोहरे इंजन फेल होने का संकेत न मिला हो। CVR के अनुसार, पायलटों ने स्विच को हाथ भी नहीं लगाया था। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में किसी गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

बोइंग को क्लीन चिट देना जल्दबाजी?

फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अनुसार, रिपोर्ट में यह कहना कि बोइंग के सिस्टम या इंजन में कोई खराबी नहीं थी, बिना पूरी जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने जैसा है। उनका कहना है कि अभी कई सवाल अनुत्तरित हैं, जैसे कि वास्तव में उड़ान भरने के बाद क्या हुआ, किसने निर्णय लिए और स्विच कैसे हिले।

उड़ान डेटा में भी दिखे संकेत

रंधावा ने बताया कि उड़ान डेटा से पता चलता है कि विमान 08:08 बजे 180 नॉट की गति पर पहुंचा और 10 सेकंड बाद फ्यूल स्विच ने पोजीशन बदली। साथ ही, लैंडिंग गियर वापस नहीं लिया गया और फ्लैप भी टेकऑफ पोजीशन में ही रहे, जिससे यह संकेत मिलता है कि विमान में उस समय कुछ तकनीकी असामान्यता जरूर थी।

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