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अमेरिका के टैरिफ पर जयशंकर का करारा जवाब, कहा- किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं

अमेरिका के टैरिफ पर जयशंकर का करारा जवाब, कहा- किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए भारी टैरिफ की कड़ी आलोचना की और इसे ‘अनुचित’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करते हुए अपने राष्ट्रीय हित में स्वतंत्र फैसले करेगा। जयशंकर ने तेल खरीद को बहाना बनाने की भी निंदा की और रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर दिया।

India US Trade Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए उच्च टैरिफ की निंदा की और इसे अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि भारत किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करते हुए अपने राष्ट्रीय हित में स्वतंत्र फैसले लेने का अधिकार रखता है। जयशंकर ने यह बात द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में कही। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को भी खारिज किया और पश्चिमी देशों के दोहरे मानदंड पर तंज कसा। उन्होंने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों के अनुसार फैसले लेना भारत का अधिकार है।

किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा सबसे अहम

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि सरकार के लिए किसानों और छोटे उत्पादकों के हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सबसे बड़ी चिंता हमारे किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा है। हमारी सरकार इनके हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लोग चाहे कुछ भी कहें, लेकिन हम इनके हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह हमारे लिए समझौता करने वाली बात नहीं है।”

विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अपनी नीतियों और निर्णयों में स्वतंत्र रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हर स्तर पर किसानों और छोटे उत्पादकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए कार्य कर रही है।

रूस से खरीद पर यूरोप और चीन को क्यों नहीं पूछा जाता?

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका द्वारा रूस से भारत की ऊर्जा खरीद को लेकर सवाल उठाना अनुचित है। उन्होंने बताया कि चीन और यूरोपीय देशों द्वारा रूस से LNG खरीदी जा रही है, लेकिन इन पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा। जयशंकर ने कहा, “लोग कहते हैं कि हम रूस को पैसे देकर युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन रूस और यूरोप के बीच व्यापार भारत-रूस व्यापार से कहीं अधिक है। अगर तेल खरीद का सवाल है, तो यूरोप वाले भारत से ज्यादा खरीदते हैं। व्यापार के लिहाज से भी उनकी मात्रा ज्यादा है।”

इस दौरान उन्होंने दोहरे मानकों और पश्चिमी देशों के रवैये पर तंज कसते हुए कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर स्वतंत्र निर्णय लेगा।

अमेरिका के साथ संवाद जारी

जयशंकर ने रेखांकित किया कि भारत को अपने राष्ट्रीय हितों और रणनीतिक स्वायत्तता के अनुसार निर्णय लेने का पूरा हक है। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्रीय हित में जो फैसले लिए जाते हैं, वह हमारा अधिकार है। यही रणनीतिक स्वायत्तता है। हमारे निर्णय स्वतंत्र और देशहित में आधारित होंगे।”

विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव के बावजूद बातचीत जारी है। उन्होंने बताया कि दोनों देश संवाद के रास्ते पर बने हुए हैं और किसी भी मुद्दे पर खुलकर चर्चा की जा रही है।

रूस दौरे की प्रमुख बातें

हाल ही में जयशंकर ने रूस का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। उन्होंने भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरे में आतंकवाद, यूक्रेन संकट, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पुतिन को शुभकामनाएं भी दीं और द्विपक्षीय तथा वैश्विक हितों पर बातचीत की।

अमेरिका-भारत व्यापार विवाद

विदेश मंत्री ने अमेरिका के टैरिफ को लेकर कहा कि भारत का रुख स्पष्ट है। उन्होंने जोर दिया कि देश अपनी अर्थव्यवस्था और किसानों के हित के अनुसार स्वतंत्र निर्णय लेगा। इस मुद्दे पर बातचीत जारी है, लेकिन भारत अपने निर्णयों में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।

जयशंकर ने कहा कि भारत बड़े वैश्विक साझेदारों के साथ सहयोग करता रहेगा, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा हमेशा सर्वोपरि होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता किसी भी बाहरी दबाव के प्रभाव में नहीं आएगी।

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