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झांसी: ABVP ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में किया बवाल, 200 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, पूर्व SP MLA भी शामिल

झांसी: ABVP ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में किया बवाल, 200 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, पूर्व SP MLA भी शामिल

झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एबीवीपी के शांतिपूर्ण धरने के दौरान सपा छात्र सभा, एनएसयूआई और पीडीए के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया। एबीवीपी ने पूर्व सपा विधायक समेत लगभग 200 लोगों के खिलाफ नवाबाद थाने में FIR दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

Bundelkhand University Violent: उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एबीवीपी के शांतिपूर्ण धरने के दौरान हंगामा मच गया। एबीवीपी का आरोप है कि लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने, जिनमें पूर्व सपा विधायक दीप नारायण सिंह यादव भी शामिल हैं, उन पर हमला किया, गाली-गलौज की और धमकियां दीं। एबीवीपी ने नवाबाद थाने में FIR दर्ज कराई, जबकि पुलिस ने जांच की जिम्मेदारी SI सुशील कुमार द्विवेदी को सौंपी है। विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात है और प्रशासन ने किसी भी छात्र संगठन को कानून हाथ में लेने से रोकने का निर्देश दिया है।

धरने के दौरान हुआ विवाद

ABVP के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे ‘समर्थ पोर्टल’ से जुड़ी समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे थे। तभी अचानक लगभग 200 की संख्या में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और पीडीए के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और ABVP कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। आरोप है कि हमलावरों ने गाली-गलौज की, हाथापाई की, छात्राओं के साथ अभद्रता की और जान से मारने की धमकी भी दी।

ABVP की ओर से दर्ज कराई गई FIR में पूर्व सपा विधायक दीप नारायण सिंह यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, जिशान रजा, धीरज यादव, शैलेन्द्र बसेला, नरेश यादव उर्फ बब्बा, अमन यादव, अंकित यादव, सुधेश यादव, ऋषभ यादव और विश्व प्रताप यादव समेत लगभग 200 अज्ञात समर्थक आरोपी बनाए गए हैं।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

नवाबाद थाने में FIR ABVP कार्यकर्ता शिवम भास्कर के बेटे देवेंद्र भास्कर की ओर से दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामले की जांच SI सुशील कुमार द्विवेदी को सौंपी है। थाना प्रभारी जेपी पाल ने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और सभी तथ्यों की गंभीरता से जांच की जा रही है।

पुलिस ने कहा कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। विश्वविद्यालय परिसर में फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र संगठन को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विश्वविद्यालय में तनाव और सुरक्षा

घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर छात्रों की सुरक्षा और परिसर की शांति बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल के साक्ष्यों की मदद से आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज की जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि विश्वविद्यालयों में छात्र राजनीति कभी-कभी हिंसक रूप ले लेती है। ऐसी घटनाओं से न केवल छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि संस्थानों की छवि पर भी असर पड़ता है।

इस घटना पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। ABVP ने आरोप लगाया कि यह हमला पूर्व नियोजित था और इसमें पूर्व सपा विधायक जैसे बड़े नेताओं की भूमिका रही। वहीं, समाजवादी पार्टी और NSUI ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का समर्थन करते हैं।

राजनीतिक गलियारों में यह मामला गर्म चर्चा का विषय बन गया है। छात्र संगठनों के बीच बढ़ती तनातनी के कारण विश्वविद्यालय में अगले कुछ दिनों तक अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहने की संभावना है।

जांच की प्रक्रिया और FIR

ABVP द्वारा दर्ज कराई गई FIR का उद्देश्य स्पष्ट है कि दोषियों को कानूनी दायरे में लाया जाए। पुलिस ने कहा कि सभी आरोपों की जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी। FIR में शामिल नामजद और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि छात्र राजनीति में हिंसा की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई और निष्पक्ष जांच संस्थागत शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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