अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रेटा थनबर्ग को उपद्रवी और गुस्सैल बताया। ट्रंप ने कहा कि उन्हें डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। थनबर्ग ने गाजा में इजराइल के हमलों को नरसंहार करार दिया, जिससे विवाद फिर ताजा हुआ।
World Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को उपद्रवी महिला बताया है। ट्रंप ने कहा कि ग्रेटा को डॉक्टर से अपना इलाज कराना चाहिए। राष्ट्रपति ने यह बयान तब दिया जब थनबर्ग को सैकड़ों अन्य फिलिस्तीनी समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ इजरायल से निर्वासित किया गया। ट्रंप ने कहा कि ग्रेटा युवा होने के बावजूद बहुत गुस्सैल और अस्थिर स्वभाव की हैं।
ट्रंप और थनबर्ग के बीच पुराना विवाद
डोनाल्ड ट्रंप और ग्रेटा थनबर्ग के बीच विवाद नया नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले भी जून 2025 में ग्रेटा को अजीब, गुस्सैल और अस्थिर बताया था। उस समय ट्रंप ने थनबर्ग द्वारा इजरायल पहुंचने की कोशिश की निंदा की थी। दोनों के बीच यह टकराव मुख्य रूप से गाजा में चल रहे संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को लेकर है। ट्रंप की टिप्पणियों का उद्देश्य ग्रेटा के एक्टिविज्म और उनकी सार्वजनिक आवाज़ को कमजोर करना माना जा रहा है।
गाजा में नरसंहार पर ग्रेटा का कड़ा संदेश
ग्रेटा थनबर्ग ने गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गाजा में नरसंहार जारी है और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाएं फिलिस्तीनियों के साथ विश्वासघात कर रही हैं। थनबर्ग का कहना था कि वैश्विक संगठनों और शक्तिशाली देशों के बावजूद सबसे भयानक युद्ध अपराधों को रोका नहीं जा रहा है। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर गाजा में हो रहे संघर्ष पर ध्यान आकर्षित किया है।
इजरायली सेना ने ग्रेटा को गिरफ्तार किया
इजरायल की सेना ने गाजा की नौसैनिक नाकाबंदी तोड़ने की कोशिश के दौरान ग्रेटा थनबर्ग सहित 479 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इस समूह में शामिल लोगों का उद्देश्य गाजा के लोगों को सहायता पहुंचाना और नाकाबंदी का विरोध करना था। इजरायल ने सोमवार को ग्रेटा सहित 171 लोगों को निर्वासित कर दिया, जिससे कुल निष्कासितों की संख्या 341 हो गई।
एथेंस में स्वागत
निर्वासित किए जाने के बाद ग्रेटा थनबर्ग एथेंस पहुंची। यहां उनके समर्थकों ने उन्हें जोरदार स्वागत किया। उनका यह स्वागत गाजा के समर्थन में वैश्विक जनसमर्थन को दर्शाता है। थनबर्ग ने वहां मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका संघर्ष मानवाधिकारों और फिलिस्तीनी नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए है। उन्होंने विश्व नेताओं से अपील की कि वे गाजा में हो रहे युद्ध अपराधों को रोकें।