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अफ्रीका से अमेरिका तक एलॉन मस्क का सफर, अब ट्रंप ने उठाया निर्वासन का मुद्दा

अफ्रीका से अमेरिका तक एलॉन मस्क का सफर, अब ट्रंप ने उठाया निर्वासन का मुद्दा

राष्ट्रपति ट्रंप और एलॉन मस्क के बीच विवाद गहराया। ट्रंप ने मस्क को अफ्रीका लौटने की धमकी दी। मस्क के अफ्रीका से अमेरिका तक के सफर पर छिड़ी बहस।

Elon-Trump: अमेरिकी राजनीति में एक नया विवाद तब खड़ा हुआ जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलॉन मस्क को अमेरिका से डिपोर्ट करने की धमकी दी। यह विवाद 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' नाम के टैक्स और खर्च से जुड़े बिल के चलते उभरा है, जिस पर सीनेट में लंबी बहस के बाद वोटिंग हुई। बिल का विरोध करने पर ट्रंप ने मस्क को निशाने पर लिया और उनके अफ्रीका कनेक्शन का ज़िक्र कर विवाद को नया मोड़ दे दिया।

'सब्सिडी लेकर दुकान चला रहे, अब लौटो अफ्रीका' – ट्रंप का हमला

सीनेट में बिल पास होते ही ट्रंप ने एलॉन मस्क पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मस्क ने अब तक अमेरिकी सरकार से जितनी सब्सिडी ली है, उतनी शायद ही किसी ने ली हो। उन्होंने दावा किया कि यदि सब्सिडी न हो तो मस्क को अपनी दुकान बंद करके साउथ अफ्रीका लौटना पड़ेगा। ट्रंप ने आगे कहा कि उनके बिना न रॉकेट लॉन्च होंगे और न इलेक्ट्रिक कारें बनेंगी, जिससे देश का खर्च भी बचेगा।

मस्क का अफ्रीका कनेक्शन

एलॉन मस्क का जन्म 1971 में दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उनके पिता एरॉल मस्क पेशे से इंजीनियर और प्रॉपर्टी डीलर थे जबकि मां मेय मस्क का जन्म कनाडा में हुआ लेकिन उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पढ़ाई की। मस्क का बचपन एक ऐसे समाज में बीता जहां नस्लभेद यानी अपार्टहेड व्यवस्था लागू थी। उनके परिवार को उस दौर में श्वेत समुदाय से विशेष अधिकार प्राप्त थे।

दक्षिण अफ्रीका से कनाडा और फिर अमेरिका तक का सफर

1990 के आसपास, 17 वर्ष की उम्र में मस्क ने दक्षिण अफ्रीका की अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के लिए कनाडा जाने का निर्णय लिया। उनकी मां की कनाडाई नागरिकता के चलते यह संभव हुआ। दो साल बाद मस्क अमेरिका चले आए और पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। 2002 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल गई। वर्तमान में एलॉन मस्क तीन देशों – दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका – की नागरिकता रखते हैं।

अफ्रीका से दूरी, आलोचना में भी पीछे नहीं

हालांकि दक्षिण अफ्रीका में जन्मे मस्क वहां की वर्तमान सरकार की नीतियों के अक्सर आलोचक रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वहां श्वेत नागरिकों और खासतौर पर किसानों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने श्वेत किसानों के नरसंहार का आरोप भी लगाया।

जब उन्होंने अफ्रीका में Starlink सेवा शुरू करने की कोशिश की, तब वहां की पॉलिसी – जिसमें विदेशी कंपनियों में अश्वेत नागरिकों को अनिवार्य हिस्सेदारी देना होता है – की वजह से उन्हें लाइसेंस नहीं मिला। मस्क ने इस नीति को नस्लवादी बताया।

क्या ट्रंप वाकई मस्क को अमेरिका से बाहर निकाल सकते हैं?

डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह मस्क को अमेरिका से डिपोर्ट करने पर विचार कर सकते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मस्क को देश से बाहर निकालेंगे, तो उन्होंने कहा – “हमें इस पर गौर करना होगा।” हालांकि कानूनी रूप से यह इतना आसान नहीं है।

मस्क अमेरिका के वैध नागरिक हैं और उनके पास सभी जरूरी दस्तावेज हैं। उन्हें डिपोर्ट करने के लिए सरकार को यह साबित करना होगा कि उन्होंने नागरिकता पाने के दौरान किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी दी या कोई अवैध गतिविधि की। ऐसे में ट्रंप की धमकी को राजनीतिक बयानबाजी माना जा रहा है।

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