वर्तमान में RBL बैंक के शेयर करीब ₹260 के स्तर पर स्थिर हैं। इस साल अब तक शेयर में 65% की मजबूती देखने को मिली है, जो बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और बेहतर विकास संभावनाओं को दर्शाती है।
मुंबई आधारित प्राइवेट सेक्टर बैंक RBL बैंक लिमिटेड ने बुधवार, 2 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बयान में साफ किया कि दुबई की बैंकिंग कंपनी Emirates NBD की ओर से उसकी माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने की जो खबरें चल रही हैं, वे पूरी तरह से निराधार और झूठी हैं। CNBC-TV18 से बात करते हुए बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया में चल रही रिपोर्ट अटकलों पर आधारित हैं और उनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।
बैंक की ओर से स्पष्टीकरण आने के बाद शेयर बाजार में थोड़ी हलचल देखी गई लेकिन इसके बाद बैंक के शेयर फिर से मजबूती के साथ ऊपर चढ़े और लगातार पांचवें कारोबारी दिन हरे निशान में बंद हुए।
9 में से 8 दिन शेयर ने दिखाई मजबूती
RBL बैंक के शेयर इस समय ₹260 के आस-पास कारोबार कर रहे हैं और 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें लगभग 65 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की जा चुकी है। बीते आठ ट्रेडिंग सत्रों में से सात बार बैंक के शेयरों में मजबूती देखने को मिली है, जो निवेशकों के भरोसे और बैंक की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है।
Emirates NBD की रुचि की चर्चा
इससे पहले मीडिया में यह खबर आई थी कि दुबई स्थित बैंक Emirates NBD भारत के बैंकिंग सेक्टर में प्रवेश करना चाहता है और इसी क्रम में वह RBL बैंक में माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के विकल्प को देख रहा है। इसी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि Emirates NBD की नजर IDBI बैंक पर भी है और वह वहां भी निवेश की योजना बना रहा है।
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा
फिलहाल भारत में किसी भी विदेशी बैंक या संस्था को अधिकतम 15 प्रतिशत तक ही किसी भारतीय बैंक में हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। हालांकि, विशेष मामलों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अनुमति से यह सीमा बढ़ाई भी जा सकती है।
पहले भी ऐसे उदाहरण सामने आ चुके हैं जहां विदेशी निवेशकों को भारतीय बैंकों में अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी गई। कनाडा की फेयरफैक्स फाइनेंशियल को CSB बैंक में बड़ी हिस्सेदारी मिली थी और सिंगापुर की डीबीएस को लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय की मंजूरी दी गई थी।
SMBC भी दिखा चुका है रुचि
जापान की बैंकिंग कंपनी SMBC ने भी हाल ही में Yes Bank में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए RBI से अनुमति मांगी है। इसी बीच बैंकिंग सेक्टर में नियमों की समीक्षा को लेकर भी चर्चा जोरों पर है। वित्त सचिव संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा था कि बैंकिंग स्वामित्व नियमों को फिर से देखा जा रहा है ताकि विदेशी निवेशकों की भागीदारी के रास्ते और स्पष्ट किए जा सकें।
ब्रोकरेज हाउस सिटी ने जताया भरोसा
इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने RBL बैंक के लिए 90 दिन का पॉजिटिव कैटालिस्ट वॉच जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के क्रेडिट कॉस्ट में सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) में 45 से 50 बेसिस पॉइंट तक सुधार की संभावना है। इसका सीधा मतलब है कि बैंक अपनी कमाई और लाभप्रदता को और बेहतर कर सकता है।
शेयर के मजबूत प्रदर्शन की वजह
RBL बैंक ने पिछले कुछ महीनों में अपने एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) को नियंत्रित करने में सफलता पाई है। साथ ही बैंक ने खुद को मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए रिटेल और एमएसएमई सेक्टर में बेहतर तरीके से स्थापित किया है। इसके चलते बैंक की बैलेंस शीट में मजबूती आई है और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि बैंक के शेयरों में जो तेजी देखने को मिल रही है, वह सिर्फ किसी अफवाह या बाहरी निवेशक की खबर पर आधारित नहीं है, बल्कि बैंक की आंतरिक वित्तीय स्थिति, बेहतर मैनेजमेंट और लगातार बढ़ते ग्राहक आधार के कारण है।
निवेशकों की नजर लगातार बनी हुई है
बैंक की ओर से दी गई सफाई के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल किसी तरह की हिस्सेदारी बिक्री की कोई योजना नहीं है। लेकिन जिस तरह से बैंक ने खुद को पिछले एक साल में सुधारा है और ग्रोथ के रास्ते पर बढ़ा है, उसे देखते हुए बाजार की नजरें आगे भी इस पर बनी रहेंगी।