गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा में 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर जॉइंट पैरलीअमेंट्री कमिटी (जेपीसी) गठित करने का प्रस्ताव पेश किया है
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) गठित करने का प्रस्ताव पेश किया। यह विधेयक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पद से जुड़े अहम प्रावधानों को लेकर विवादित माना जा रहा है।हालांकि, अभी तक राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से JPC के सदस्यों की सूची जारी नहीं की गई है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद अवधेश प्रसाद ने इस विधेयक को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और संकेत दिया कि सपा JPC की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकती।
सपा सांसद ने बयान में कहा की..
अवधेश प्रसाद ने कहा, 130वें संविधान संशोधन विधेयक पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। यह न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण करता है। उन्होंने आगे कहा कि विधेयक में यह प्रावधान है कि यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन तक हिरासत में रहे, तो उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। सांसद ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक के बारे में फैसला सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्रीय अध्यक्ष हमेशा संविधान और राष्ट्रहित में निर्णय लेंगे।
सपा सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि विधेयक आनन-फानन में प्रस्तुत किया गया है, जिससे न्यायपालिका और प्रशासनिक व्यवस्था के बीच संतुलन बिगड़ सकता है। उनका कहना था कि यह विधेयक दारोगा के हाथों न्यायपालिका की शक्ति देने जैसा है, जहां कोई भी अधिकारी किसी को हिरासत में रख सकता है और पद गंवाने का प्रावधान लागू हो जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह की सफाई
इस विवाद के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में विधेयक का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सिर्फ विपक्ष के लिए सवाल नहीं उठाता, बल्कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री के लिए भी समान रूप से लागू होता है। अमित शाह ने कहा, आज देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या ज्यादा है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। इस विधेयक में 30 दिन की ज़मानत का प्रावधान है। यदि कोई व्यक्ति जेल में है और ज़मानत नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा। क्या किसी जेल में बंद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री अपनी सरकार चला सकता है? क्या यह लोकतंत्र के लिए उचित है?
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि विधेयक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि केवल यह सुनिश्चित करता है कि अगर कोई उच्च पदाधिकारी कानूनी रूप से हिरासत में है और ज़मानत नहीं मिलती, तो पद पर बने रहना संविधान और कानून के अनुरूप नहीं होगा।