Apple का चीन में स्टोर बंद करना और भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाना दर्शाता है कि कंपनी अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर रही है। भारत अब Apple के लिए सिर्फ निर्माण स्थल नहीं, बल्कि एक मजबूत ग्लोबल सप्लाई हब बनता जा रहा है।
Apple: टेक्नोलॉजी की दुनिया के दिग्गज Apple ने अपनी ग्लोबल स्ट्रैटेजी में बड़ा बदलाव करते हुए चीन में अपने पहले रिटेल स्टोर को बंद करने का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर भारत को वह अपने नए मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित करने में जुट गया है। Dalian के प्रतिष्ठित Parkland Mall स्थित Apple स्टोर 9 अगस्त को हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। यह कदम ना सिर्फ चीन की मंद होती अर्थव्यवस्था की तरफ इशारा करता है, बल्कि भारत के बढ़ते टेक-सशक्तिकरण की कहानी भी बयां करता है।
चीन में Apple का रिटेल स्टोर बंद
Apple ने घोषणा की है कि चीन के Dalian शहर के Zhongshan इलाके में स्थित Parkland Mall का Apple रिटेल स्टोर 9 अगस्त 2025 को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। यह Apple का चीन में पहला स्टोर था जो अब बंद होने जा रहा है। Apple का कहना है कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में लगातार बदलाव हो रहे हैं और बड़े इंटरनेशनल ब्रांड्स जैसे Coach, Sandro और Hugo Boss पहले ही इस मॉल से जा चुके हैं। इस माहौल में स्टोर चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया था।
Apple ने क्या कहा?
Apple ने बयान जारी कर कहा है कि वह अपने कस्टमर्स को बेहतरीन अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन में कंपनी के 56 स्टोर हैं जो ग्लोबल रिटेल ऑपरेशंस का 10% हिस्सा हैं। Dalian के Parkland Mall के अलावा एक और स्टोर Olympia 66 मॉल में स्थित है जो पहले की तरह काम करता रहेगा। Parkland स्टोर के कर्मचारियों को दूसरे स्टोर में शिफ्ट किया जाएगा।
भारत बनता जा रहा है नया iPhone मैन्युफैक्चरिंग हब
जहां चीन में मंदी और मार्केट अस्थिरता के कारण Apple को स्टोर बंद करना पड़ रहा है, वहीं भारत ने iPhone मैन्युफैक्चरिंग में जबरदस्त छलांग लगाई है। भारत अब अमेरिका को भेजे जाने वाले iPhones का सबसे बड़ा सप्लायर बन चुका है। Canalys की नई रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट किए गए स्मार्टफोन्स की हिस्सेदारी 44% रही, जो पिछले साल सिर्फ 13% थी। यानी एक साल में तीन गुना से ज्यादा वृद्धि!
Apple की मेक इन इंडिया रणनीति
Apple अब ‘मेक इन इंडिया’ के तहत iPhone 16 सीरीज के प्रो मॉडल भी भारत में बना रहा है, जो सीधे अमेरिका एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। Apple की मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर कंपनियां – Foxconn, Pegatron और Tata Electronics – देश के विभिन्न राज्यों में iPhone प्रोडक्शन यूनिट्स चला रही हैं। Foxconn ने हाल ही में तेलंगाना और तमिलनाडु में अपने प्लांट्स का विस्तार किया है। वहीं Tata Group भी Apple के साथ मिलकर कर्नाटक में एक नया प्रोडक्शन यूनिट स्थापित कर रहा है।
चीन की तुलना में भारत क्यों बेहतर विकल्प बन रहा है?
भारत को अब सिर्फ सस्ता श्रमबल ही नहीं बल्कि राजनीतिक स्थिरता, सरकार की उत्पादन-उन्मुख PLI (Production Linked Incentive) स्कीम और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण एक मजबूत विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। वहीं चीन में अमेरिकी टेक कंपनियों को लगातार सेंसरशिप, डेटा रेगुलेशन और भू-राजनीतिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते Apple जैसी कंपनियां अपने ऑपरेशन्स में विविधता लाने को मजबूर हो गई हैं।
iPhone की भारत में बिक्री भी बढ़ रही
सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं, भारत में iPhone की बिक्री भी तेज़ी से बढ़ रही है। Apple ने पिछले साल भारत में दो प्रमुख स्टोर – मुंबई (BKC) और दिल्ली (Saket) में खोले थे, जिन्हें ग्राहकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। भारत में मिडिल क्लास की आय में बढ़ोतरी, EMI और ट्रेड-इन विकल्पों की सुविधा ने Apple प्रोडक्ट्स को पहले से ज्यादा सुलभ बना दिया है।
क्या आने वाले समय में Apple चीन से पूरी तरह हट जाएगा?
Apple अभी चीन से पूरी तरह बाहर नहीं हो रहा, लेकिन संकेत साफ हैं कि कंपनी अब अपने अंडों को सिर्फ एक टोकरी में नहीं रखना चाहती। सप्लाई चेन विविधता की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। भारत, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश अब उसके प्राथमिक विकल्प बनते जा रहे हैं।