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America: हार्वर्ड पर ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख, दस्तावेज़ और आर्थिक सहायता को लेकर विवाद जारी

America: हार्वर्ड पर ट्रंप प्रशासन का सख्त रुख, दस्तावेज़ और आर्थिक सहायता को लेकर विवाद जारी

अमेरिका में ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने आर्थिक सहायता और संबंधित दस्तावेज़ मांगकर निगरानी बढ़ा दी है। 

Trump: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी सरकार ने हार्वर्ड से जुड़े आइवी लीग (Ivy League) स्कूल पर सैंक्शन (sanction) लगाने की धमकी दी है और एडमिशन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है। 

अमेरिका की शिक्षा सचिव लिंडा मैकमाहोन ने कहा कि हार्वर्ड पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और स्कूल को आदेश दिए गए हैं कि छात्रों को आर्थिक सहायता (financial aid) प्रदान करे, जिसे बाद में सरकार से प्रतिपूर्ति के लिए दावा किया जा सके। लिंडा ने स्पष्ट किया कि अगर हार्वर्ड टर्न ओवर (turnover) से जुड़े रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराता, तो उसके खिलाफ कड़ा कार्रवाई किया जा सकता है।

ट्रंप प्रशासन की बढ़ती कार्रवाई

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि हार्वर्ड वामपंथी (left-leaning) विचारधारा का समर्थन करता है और इससे छात्रों और शैक्षिक संस्थान पर असर पड़ता है। इसी को लेकर पहले भी ट्रंप ने हार्वर्ड को कई बार चेतावनी दी थी और विश्वविद्यालय को मिलने वाले सरकारी फंडिंग में कटौती की थी। शिक्षा सचिव ने बताया कि प्रशासन स्कूल के हर वित्तीय दस्तावेज पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर कड़ा एक्शन लेने का भी दावा किया गया है।

एडमिशन और आर्थिक सहायता पर फोकस

हार्वर्ड विश्वविद्यालय को छात्रों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा का अवसर (educational opportunity) किसी भी छात्र से वंचित न हो, भले ही वह स्कूल की ओर से आर्थिक सहायता प्राप्त करे या न करे। प्रशासन ने कहा कि स्कूल की तरफ से दी गई आर्थिक सहायता बाद में सरकार से प्रतिपूर्ति के लिए क्लेम की जा सकती है। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में लिया गया है।

फंडिंग पर ट्रंप का रोष

बता दें कि ट्रंप ने हार्वर्ड को मिलने वाले 2.6 बिलियन डॉलर की रिसर्च फंडिंग (research funding) को पहले रोक दिया था। ट्रंप का आरोप था कि हार्वर्ड संस्थान वामपंथी विचारधारा का प्रचार करता है और इसे सरकारी खर्चों से समर्थन नहीं मिलना चाहिए। इसके चलते विश्वविद्यालय और ट्रंप प्रशासन के बीच विवाद और बढ़ गया। इस फैसले से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में चिंता बढ़ गई थी क्योंकि हार्वर्ड अमेरिका का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है और इसकी रिसर्च राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानी जाती है।

कोर्ट ने सुनाया फैसला

हाल ही में अमेरिकी संघीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन के इस कदम पर फैसला सुनाते हुए हार्वर्ड की फंडिंग जारी रखने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि विचारधारा की लड़ाई में देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय की फंडिंग रोकना सही नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि शिक्षा और रिसर्च का उद्देश्य राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने हार्वर्ड की रिसर्च के लिए पहले फ्रीज की गई 46 मिलियन डॉलर की राशि को जारी कर दिया।

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