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दिल्ली पुलिस ने पकड़ा साइबर ठगों का गिरोह, ऑस्ट्रेलिया वीजा और विदेश नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

दिल्ली पुलिस ने पकड़ा साइबर ठगों का गिरोह, ऑस्ट्रेलिया वीजा और विदेश नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

दिल्ली पुलिस ने विदेश में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए ठगने वाले साइबर ठगों के गैंग का पर्दाफाश किया। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर डिजिटल डिवाइस और सिम कार्ड बरामद किए गए, जांच अभी जारी है।

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया। पुलिस ने यूपी के एटा जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 5 भारतीय और 3 विदेशी सिम कार्ड, पासबुक, चेकबुक व डेबिट कार्ड बरामद किए। मामले की जांच जारी है और साइबर ठगी की पूरी योजना का खुलासा किया जा रहा है।

विदेशी नौकरी का झांसा देकर ठगी

दिल्ली पुलिस ने ऑस्ट्रेलिया वीजा के नाम पर चल रहे जॉब स्कैम का पर्दाफाश किया। शिकायतकर्ता धर्मेंद्र ने बताया कि उनकी मुलाकात वर्क इनफार्मेशन ग्रुप के माध्यम से मयंक पांडे से हुई, जिसने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नौकरी और वीजा दिलाने का भरोसा दिलाया। पहले 10 हजार रुपये वियतनाम वीजा के नाम पर वसूले गए, जो वीजा दिलाने के बाद भी ठगी का हिस्सा बन गए।

धर्मेंद्र वियतनाम पहुंचे तो उनसे 26 हजार रुपये और ठगे गए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया वीजा दिलाने का लालच देकर आरोपी ने 3 लाख 12 हजार रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद न तो वीजा मिला, न पैसे लौटाए गए और आरोपी ने शिकायतकर्ता को ब्लॉक कर दिया।

पुलिस ने ट्रैक कर पकड़ा मास्टरमाइंड

दिल्ली पुलिस ने तुरंत एक टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू की। व्हाट्सएप डिटेल, गूगल आईपी लॉग, सीडीआर, ईमेल आईडी और बैंक खातों की गहन जांच की गई। लगातार मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रैक कर आरोपी का पता लगाया गया।

11 सितंबर को पुलिस ने छापेमारी कर गैंग के मास्टरमाइंड सहदेव सिंह को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर उसकी प्रेमिका को एटा से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सहदेव ने कबूल किया कि उसने पहले खुद विदेश में रोजगार की तलाश की थी, लेकिन नाकाम रहा।

ठगी के नेटवर्क का खुलासा

सहदेव सिंह ने बताया कि वियतनाम में मिलने वाले एजेंट विजय से प्रेरित होकर वह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को फंसाने लगा। वह अलग-अलग नामों का इस्तेमाल करता था, जैसे मयंक पांडे, राहुल कुमार और अजय, और विदेशी नंबरों से लोगों का विश्वास जीतता था।

अपराध में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। आरोपी ने शिकायतकर्ता के पैसे अपनी प्रेमिका के खाते में ट्रांसफर कराए और बाद में अपने खाते में निकाल लिए।

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