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Apple Antitrust Case: कोर्ट ने DOJ की याचिका की खारिज, ट्रायल 2027 तक टला?

Apple Antitrust Case: कोर्ट ने DOJ की याचिका की खारिज, ट्रायल 2027 तक टला?

अमेरिकी अदालत ने Apple की एंटीट्रस्ट मुकदमा खारिज करने की याचिका ठुकरा दी है। iPhone ईकोसिस्टम पर प्रतिस्पर्धा रोकने के आरोपों को पर्याप्त ठहराया गया है। अब यह केस 2027 में ट्रायल तक पहुंचेगा

Apple: अमेरिकी टेक दिग्गज Apple के लिए कानूनी मोर्चे पर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। न्यू जर्सी की एक फेडरल अदालत ने एंटीट्रस्ट (प्रतिस्पर्धा-विरोधी) केस को खारिज करने की कंपनी की याचिका को सिरे से नकारते हुए साफ कर दिया है कि मामला ट्रायल तक जाएगा। इस केस का ट्रायल 2027 तक शुरू होने की संभावना है और इसे अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) द्वारा Apple के बिजनेस मॉडल को दी गई सबसे गंभीर चुनौती माना जा रहा है।

अदालत का स्पष्ट संदेश: मुकदमा मजबूत है

यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जेवियर नील्स ने 33 पन्नों में विस्तार से फैसला सुनाते हुए कहा कि Apple के खिलाफ पेश किए गए सबूत पर्याप्त हैं और सरकार ने जिस प्रकार से अपने आरोप पेश किए हैं, वे कानूनी जांच के दायरे में पूरी तरह फिट बैठते हैं।

उन्होंने कहा, 'यह मुकदमा तकनीकी बाधाओं के अनेक उदाहरण पेश करता है, जो स्पष्ट रूप से प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार को दर्शाते हैं।'

Apple की याचिका क्यों हुई खारिज?

Apple ने दावा किया कि:

  • DOJ ने स्मार्टफोन बाजार की गलत परिभाषा दी है।
  • Apple का iOS ईकोसिस्टम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और यूज़र अनुभव के लिए है, न कि प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए।
  • कंपनी के उपकरण और सेवाएं इनोवेशन और इंटीग्रेशन पर आधारित हैं, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी या नवाचार में रुकावट नहीं आती।

लेकिन अदालत ने इन दलीलों को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि DOJ ने यह दिखाने के लिए पर्याप्त आधार प्रस्तुत किए हैं कि Apple ने अपने iPhone और उससे जुड़ी सेवाओं के माध्यम से एक 'Walled Garden' यानी एक तरह का बंद वातावरण बनाया है, जहां बाहरी ऐप्स, सर्विसेज और डिवाइसेज को जानबूझकर सीमित किया गया है।

क्या है 'Walled Garden' मॉडल और क्यों है विवादित?

Apple का Walled Garden मॉडल एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें iPhone, iPad, Apple Watch, Mac और अन्य डिवाइसेज सिर्फ Apple के सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर के साथ ही सुचारू रूप से काम करते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • iMessage केवल Apple डिवाइसेज के बीच हाई-क्वालिटी चैटिंग की सुविधा देता है। Android यूज़र्स को इससे बाहर रखा गया है।
  • Apple Pay और App Store के माध्यम से कंपनी हर लेनदेन से भारी कमीशन वसूलती है।
  • थर्ड-पार्टी ऐप्स और डिवाइसेज को iOS में सीमित पहुंच मिलती है।

DOJ का आरोप है कि Apple ने जानबूझकर इस मॉडल को डिज़ाइन किया है ताकि वह बाजार में अपनी एकाधिकार स्थिति (Monopoly) बनाए रख सके और उपभोक्ताओं के पास सीमित विकल्प रहें।

मुकदमे की अगली प्रक्रिया

अदालत ने मुकदमे की टाइमलाइन तय करते हुए कहा है कि:

  • 2025-26: सबूतों की खोज (Discovery Phase) और प्रारंभिक बहसें
  • 2026 अंत तक: गवाहों की पहचान और अंतिम प्रस्तुतियाँ
  • 2027 की शुरुआत में: मुकदमा ट्रायल के लिए अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा

Apple की प्रतिक्रिया

Apple ने अदालत के फैसले के बाद बयान जारी कर कहा: 'यह मुकदमा तथ्यों और कानून दोनों के आधार पर गलत है। हम इसे अदालत में पूरी मजबूती से चुनौती देंगे।'

कंपनी का कहना है कि उसका इकोसिस्टम ग्राहकों की सुरक्षा, गोपनीयता और बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने के लिए है, न कि प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए।

टेक इंडस्ट्री पर संभावित प्रभाव

अगर DOJ इस मुकदमे में विजयी होता है, तो इसका असर सिर्फ Apple तक सीमित नहीं रहेगा:

  • App Store और iOS प्लेटफॉर्म को ओपन करने के लिए Apple को मजबूर किया जा सकता है।
  • यह मुकदमा अन्य टेक दिग्गजों जैसे Google, Meta और Amazon के खिलाफ भी नए रास्ते खोल सकता है।
  • उपभोक्ताओं को ऐप्स, मैसेजिंग और पेमेंट के लिए ज्यादा विकल्प मिल सकते हैं।

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