Axis बैंक ने Q2FY26 में ₹5,090 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो सालाना आधार पर 26% घटा है और अनुमान से कम रहा। हालांकि, बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) ₹13,744 करोड़ तक बढ़ी और एसेट क्वालिटी में सुधार दिखा। ग्रॉस NPA 1.46% और नेट NPA 0.44% पर रहे, जिससे बैंक की मूल मजबूती बरकरार है।
Axis Bank Q2 Results 2025: 15 अक्टूबर 2025 को एक्सिस बैंक ने सितंबर तिमाही (Q2FY26) के नतीजे जारी किए। बैंक का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 26% घटकर ₹5,090 करोड़ रह गया, जो बाजार अनुमान ₹5,962 करोड़ से कम था। हालांकि, बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) उम्मीद से बेहतर ₹13,744 करोड़ रही और एसेट क्वालिटी में सुधार देखा गया। ग्रॉस NPA 1.46% और नेट NPA 0.44% पर आए, जिससे संकेत मिलता है कि बैंक का कोर लोन बिजनेस और रिकवरी ट्रेंड मजबूत है।
मुनाफा घटा, अनुमान से कम नतीजे
बैंक का नेट प्रॉफिट इस तिमाही में ₹5,090 करोड़ रहा। बाजार में अनुमान लगाया गया था कि Axis Bank ₹5,962 करोड़ का मुनाफा दिखा सकता है। हालांकि, नतीजे अनुमान से कमजोर रहे, लेकिन इसके बावजूद बैंक की कोर परफॉर्मेंस स्थिर रही। मुनाफे में कमी का मुख्य कारण कुछ बढ़ती लागत और अन्य परिचालन खर्च माने जा रहे हैं।
नेट इंटरेस्ट इनकम में बढ़ोतरी
बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम इस बार ₹13,744.5 करोड़ रही, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹13,483 करोड़ थी। सालाना आधार पर यह हल्की बढ़ोतरी है। बाजार अनुमान ₹13,224 करोड़ था, जिसे बैंक ने पार कर दिया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बैंक का कोर लोन बिजनेस और इंटरेस्ट मार्जिन अभी भी मजबूत हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि NII में बढ़ोतरी बैंक की ब्याज कमाई की मजबूती को दर्शाती है और यह बैंक के आने वाले तिमाहियों में स्थिरता का संकेत देती है।
एसेट क्वालिटी में सुधार
Axis Bank की सबसे बड़ी सकारात्मक बात रही एसेट क्वालिटी में सुधार। बैंक का ग्रॉस NPA 1.57% से घटकर 1.46% हो गया, जबकि नेट NPA 0.45% से मामूली घटकर 0.44% रह गया। इसका मतलब है कि बैंक की बैड लोन स्थिति बेहतर हुई है और रिकवरी ट्रेंड मजबूत दिख रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि एसेट क्वालिटी में सुधार बैंक की जोखिम प्रबंधन रणनीति को दर्शाता है और आने वाले समय में बैड लोन से जुड़े दबाव को कम कर सकता है।
ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस स्थिर
हालांकि बैंक का कुल मुनाफा घटा, लेकिन ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस स्थिर बनी रही। मजबूत NII और बेहतर एसेट क्वालिटी बैंक के लिए राहत का संकेत देते हैं। बैंक ने हाल के महीनों में रिटेल और SME लेंडिंग पर फोकस बढ़ाया है, जिससे मार्जिन पर दबाव कम होने की उम्मीद है।
बाजार की नजर अब Axis Bank के कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो और लोन बुक की ग्रोथ पर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोन ग्रोथ और CASA डिपॉजिट में सुधार होता है, तो बैंक अपनी प्रॉफिटेबिलिटी को वापस पा सकता है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि Axis Bank Q3 और Q4 में अपनी स्थिरता और बढ़ती लोन ग्रोथ के जरिए मुनाफे में सुधार ला सकता है। बैंक की मजबूत NII, बढ़ती एसेट क्वालिटी और रिटेल व SME लेंडिंग पर ध्यान आने वाले तिमाहियों में लाभप्रद साबित हो सकता है।