राजस्थान के बारां जिले में 15 वर्षीय लड़की शिवानी केवट की मौत हो गई, जब पर्वती नदी में पानी भरते समय मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया। ग्रामीणों ने उसे छुड़ाने की कोशिश की, मगर वह गहरे पानी में डूब गई। एसडीआरएफ और पुलिस की तलाश के बाद उसका शव बरामद किया गया।
बांरा: राजस्थान के बारां जिले में मंगलवार (16 सितंबर) को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। मेहताबपुरा गांव की 15 वर्षीय किशोरी शिवानी केवट की मगरमच्छ के हमले में मौत हो गई। शिवानी नदी किनारे पानी भरने गई थी, तभी अचानक मगरमच्छ ने उसे जकड़ लिया। ग्रामीणों ने पूरी ताकत से उसे बचाने की कोशिश की, मगर वह गहरे पानी में समा गई और उसकी जान नहीं बच सकी।
पानी भरते समय हुआ हादसा
मंगलवार शाम शिवानी अपने परिवार के लिए नदी से पानी भर रही थी। इसी दौरान मगरमच्छ अचानक पानी से बाहर आया और उसने किशोरी को अपने जबड़े में दबोच लिया। ग्रामीणों की चीख-पुकार से नदी किनारे अफरा-तफरी मच गई। लोग डंडों और पत्थरों से मगरमच्छ को भगाने लगे। थोड़ी देर के संघर्ष के बाद मगरमच्छ ने उसे छोड़ तो दिया, लेकिन तब तक शिवानी का संतुलन बिगड़ गया और वह नदी के गहरे हिस्से में डूब गई।
ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी। किशोरी को बचाने की कोशिश में कई ग्रामीण देर रात तक नदी किनारे डटे रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
एसडीआरएफ ने रातभर नदी में तलाशी की
घटना की जानकारी मिलते ही किशनगंज थाना प्रभारी रमेश चंद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। तुरंत एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया और तलाशी अभियान शुरू किया गया। रात भर नदी की तलाशी ली गई, लेकिन अंधेरे और पानी के तेज बहाव के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आईं।
आखिरकार मंगलवार सुबह शिवानी का शव नदी की सतह पर उतर आया। शव को तुरंत बाहर निकाला गया और मौके पर मौजूद मेडिकल टीम को सौंप दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया शव
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि शिवानी की मौत डूबने से हुई है। उसके शरीर पर मगरमच्छ की पकड़ से बने गहरे घाव स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। शव परिजनों को सौंपते ही गांव में मातम छा गया। परिवारजन और ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल है। सभी ने शिवानी को एक मिलनसार और खुशमिजाज बच्ची बताया, जिसकी असमय मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में लंबे समय से मगरमच्छों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन ने कभी भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए।
शिवानी की मौत के बाद सुरक्षा को लेकर उठी ग्रामीणों की मांग
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता दोनों है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि नदी किनारे स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और गहरे हिस्सों के पास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित जल स्रोत उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।
पुलिस प्रशासन ने भी लोगों को सचेत किया है कि नदी और तालाब के गहरे हिस्सों में अकेले न जाएं और खासकर बच्चों को ऐसे इलाकों से दूर रखें। वहीं, वन विभाग और प्रशासन के बीच मगरमच्छों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण और सुरक्षा उपायों को लेकर रणनीति बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
शिवानी की मौत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जलीय जीवों की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में सतर्कता कितनी जरूरी है। अगर समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो ऐसे हादसे दोबारा होने का खतरा बना रहेगा।