पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना संग वार्ता के बाद कहा कि भारत मंगोलिया के विकास में विश्वसनीय साझेदार है। उन्होंने दोनों देशों के बीच बौद्ध धर्म आधारित आध्यात्मिक जुड़ाव और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना (Khurelsukh Ukhnaa) के साथ व्यापक वार्ता के बाद कहा कि भारत मंगोलिया के विकास में एक दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार (Reliable Partner) है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच केवल कूटनीतिक संबंध नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक जुड़ाव (Spiritual Connection) भी है।
चार दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे मंगोलियाई राष्ट्रपति
मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना सोमवार को चार दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। यह उनकी राष्ट्रपति के रूप में पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति उखना ने द्विपक्षीय सहयोग, आर्थिक साझेदारी, सांस्कृतिक संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
भारत-मंगोलिया के बीच आध्यात्मिक संबंध
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच संबंध केवल रणनीतिक या आर्थिक स्तर पर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक स्तर पर भी बहुत गहरे हैं। उन्होंने कहा, “भारत और मंगोलिया सदियों से बौद्ध धर्म के सिद्धांतों से बंधे हुए हैं। यही कारण है कि हमें आध्यात्मिक सहोदर कहा जाता है।” पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत मंगोलिया के नागरिकों को मुफ्त ई-वीजा (E-Visa) सुविधा प्रदान करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
विकास में भारत की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मंगोलिया के विकास में एक “दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार” रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता (Line of Credit) से मंगोलिया में तेल रिफाइनरी परियोजना (Oil Refinery Project) का निर्माण किया जा रहा है। यह परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) को नई मजबूती प्रदान करेगी और देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी।
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
भारत और मंगोलिया के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। तेल रिफाइनरी परियोजना के अलावा, दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) और खनन (Mining) क्षेत्रों में भी साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की। यह सहयोग न केवल मंगोलिया के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि भारत के लिए भी क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग के नए अवसर खोलेगा।