कनाडा अमेरिका के टैरिफ के बीच भारत और चीन के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए एशिया दौरे पर है। विदेश मंत्री अनीता आनंद व्यापार और निवेश बढ़ाने की दिशा में भारत और चीन से बातचीत करेंगी।
World Update: कनाडा इस समय अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में नाजुक दौर से गुजर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए नए टैरिफ और अमेरिका-कनाडा व्यापारिक मतभेदों के बीच, कनाडा ने एशिया में अपने संबंध मजबूत करने का रास्ता चुना है। इस रणनीति के तहत विदेश मंत्री अनीता आनंद भारत और चीन के दौरे पर हैं, जिनका उद्देश्य व्यापार और निवेश बढ़ाना है। उनके लिए यह दौरा चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के साथ पहले तनावपूर्ण संबंध रहे हैं और अमेरिका की प्रतिक्रिया का खतरा भी बना हुआ है।
अनीता आनंद का एशिया दौरा
अनीता आनंद इस हफ्ते नई दिल्ली, मुंबई, सिंगापुर और चीन के हांगझोउ का दौरा करेंगी। उनका मुख्य उद्देश्य एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि कनाडा हर देश के साथ अपनी संप्रभुता (sovereignty) बनाए रखते हुए अपने कामगारों और कारोबारों के हितों को प्राथमिकता देगा। यह नीति प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पहले के दृष्टिकोण से अलग है, जिसमें आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी।
ट्रंप की धमकी और कनाडा का संतुलन
हाल ही में ट्रंप ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, हालांकि बाद में समझौते के संकेत भी दिए। कनाडा ने अमेरिका और चीन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। स्टील, एल्युमिनियम और इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर चीन से पहले लगाई गई पाबंदियां अभी भी बरकरार हैं।
अमेरिका से नया व्यापार समझौता बनाने की कोशिश
कनाडा अमेरिका के साथ नया व्यापार समझौता चाहता है, ताकि ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके। स्टील और एल्युमिनियम पर पाबंदी से राहत मिलने की उम्मीद इस समझौते से जुड़ी है। वहीं, चीन ने बदले में कनाडा के कैनोला, पोर्क और सीफूड पर टैरिफ लगाए थे, लेकिन हाल ही में उसने कैनोला जांच की समयसीमा बढ़ाई है, जिससे वार्ता की संभावना बनी हुई है।
चीन के साथ ऊर्जा सहयोग की संभावना
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी ने संकेत दिया है कि चीन के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की संभावना तलाश की जा रही है। विशेष रूप से लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) की एशियाई देशों में आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यह कदम कनाडा के ऊर्जा निर्यात को बढ़ावा देने के साथ आर्थिक लाभ के अवसर भी पैदा कर सकता है।
भारत-कनाडा संबंधों में सुधार
भारत के साथ 2023 में रुकी व्यापार वार्ता अब फिर शुरू होने की संभावना है। उस समय ट्रूडो सरकार ने भारत पर सिख अलगाववादी की हत्या का आरोप लगाया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खारिज कर दिया था। अब दोनों देशों ने नए राजदूत नियुक्त किए हैं और सीमा-पार अपराधों पर जानकारी साझा करने का ढांचा तैयार किया है।