भारत-यूएस के बीच लंबित ट्रेड डील को आगे बढ़ाने के लिए इस सप्ताह भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाएगा। बातचीत में टैरिफ और अन्य अटके हुए मुद्दों पर चर्चा होगी। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाना है।
India-US Trade Deal Update: भारत और अमेरिका के बीच अटकी ट्रेड डील को आगे बढ़ाने के लिए इस सप्ताह भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना होगा। फरवरी 2025 से चल रही बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया बातचीत के बाद डील में सकारात्मक संकेत मिले हैं। इस दौर में टैरिफ और अन्य अटके मुद्दों पर चर्चा होगी, जिससे प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत
बीते सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए। इस वार्ता के बाद ही यह तय हुआ कि वरिष्ठ भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में अगले दौर की बातचीत के लिए जाएगा।
भारत-यूएस ट्रेड डील पर चर्चा इस साल फरवरी से चल रही है। अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक दोनों देशों के बीच बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई थी। इन मुद्दों में विशेष रूप से टैरिफ और व्यापार नीति से जुड़े विषय शामिल हैं।
टैरिफ मुद्दा फिर से मुख्य
पिछले कुछ समय से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल की खरीद के लिए लागू 25% टैरिफ को 50% तक बढ़ा दिया था। यह टैरिफ बढ़ोतरी व्यापार समझौते पर बातचीत को रोकने का एक कारण बनी। लेकिन पिछले महीने अमेरिकी प्रतिनिधि नई दिल्ली पहुंचे थे और अब भारतीय टीम अमेरिका जाकर टैरिफ समेत अन्य लंबित मामलों पर चर्चा करेगी।
पीयूष गोयल की पहल
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर महीने में न्यूयॉर्क का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारत-यूएस व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए कई प्रस्तावों पर चर्चा की। गोयल ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और भारत में अमेरिकी राजदूत के साथ ट्रेंडेड ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
भारत-US ट्रेड डील का मकसद
दोनों देशों के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील का मुख्य उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। 2024-25 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत से अमेरिका का निर्यात 86.5 अरब डॉलर था। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18% और आयात में 6.22% है।
आर्थिक महत्व
भारत-यूएस व्यापार समझौता न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि निवेश, तकनीकी सहयोग और रोजगार सृजन में भी योगदान देगा। यह डील भारत की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अमेरिकी बाजार में भारत के उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस बैठक में टैरिफ और अन्य लंबित मुद्दों पर सहमति बन जाती है, तो द्विपक्षीय व्यापार समझौता भारत और अमेरिका दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा। इसके साथ ही यह भारत के निर्यातकों और उद्योगपतियों के लिए नए अवसर खोल सकता है।