भारत-रूस की बढ़ती दोस्ती से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चिंतित हो गए। SCO समिट में पुतिन से मुलाकात कर बोले- भारत के रिश्तों का सम्मान है, पर पाकिस्तान भी रूस से मजबूत संबंध बनाना चाहता है।
China: बीजिंग में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दौरान भारत और रूस की नज़दीकियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बेचैन कर दिया। चीन में आयोजित इस समिट में शरीफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान भी रूस के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहता है।
SCO समिट में हुई मुलाकात
शंघाई सहयोग संगठन का समिट बीजिंग में आयोजित हुआ, जहां कई देशों के शीर्ष नेता शामिल हुए। इस समिट में भारत और रूस की दोस्ती खुलकर दिखी। भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में साझेदारी पहले से ही मजबूत हो चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान भी रूस के साथ रिश्तों को नए स्तर पर ले जाना चाहता है।
"भारत के साथ रिश्तों का सम्मान है, पर पाकिस्तान भी चाहता है मजबूत संबंध"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने व्लादिमीर पुतिन से कहा,
"भारत के साथ आपके संबंधों का हम सम्मान करते हैं। यह बिल्कुल ठीक है। लेकिन हम भी रूस के साथ बहुत मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं।"
शरीफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान और रूस के बीच रिश्ते क्षेत्र की भलाई, प्रगति और समृद्धि के लिए पूरक साबित हो सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान आने वाले समय में रूस के साथ हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहता है।
पुतिन की तारीफ में बोले शरीफ
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, शहबाज शरीफ ने व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करते हुए उन्हें "बहुत ही गतिशील नेता" बताया। शरीफ ने कहा कि रूस और पाकिस्तान सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य में यह रिश्ते और मजबूत होंगे।
किन-किन क्षेत्रों में बढ़ेगा सहयोग
शरीफ ने साफ किया कि पाकिस्तान रूस के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- ट्रेड (Trade): दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
- ऊर्जा (Energy): रूस से सस्ती दरों पर तेल और गैस की आपूर्ति को लेकर बातचीत होगी।
- कृषि और निवेश (Agriculture & Investment): कृषि तकनीक और निवेश के नए अवसर तलाशे जाएंगे।
- रक्षा (Defence): रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की भी योजना है।
- शिक्षा और संस्कृति (Education & Culture): शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी फोकस रहेगा।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence): तकनीक और AI के क्षेत्र में भी साझेदारी की संभावनाएं देखी जाएंगी।
अफ़ग़ानिस्तान और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। इनमें अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थिति, यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया की सुरक्षा पर चर्चा शामिल रही। साथ ही, फ़िलिस्तीन और कश्मीर जैसे लंबे समय से चले आ रहे विवादों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
रूस आने का निमंत्रण स्वीकार किया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुलाकात के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शहबाज शरीफ को नवंबर में रूस आने का निमंत्रण दिया। इस दौरान रूस में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से जुड़े शासनाध्यक्षों का एक बड़ा कार्यक्रम होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया और कहा कि उन्हें रूस आकर खुशी होगी।
भारत-रूस की दोस्ती से क्यों बेचैन है पाकिस्तान
भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत संबंध रहे हैं। रूस भारत को सस्ती दरों पर कच्चा तेल और रक्षा उपकरण उपलब्ध कराता है। दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस और टेक्नोलॉजी में भी गहरा सहयोग है।
ऐसे में पाकिस्तान को लगता है कि अगर भारत-रूस की दोस्ती और मजबूत होती रही, तो क्षेत्रीय राजनीति में उसका प्रभाव कम हो सकता है। यही कारण है कि शहबाज शरीफ ने पुतिन से मुलाकात कर पाकिस्तान-रूस रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश की है।