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भारतीय डाक ने अमेरिका भेजे जाने वाले पार्सल पर लगाई रोक, ग्राहकों को मिलेगा रिफंड

भारतीय डाक ने अमेरिका भेजे जाने वाले पार्सल पर लगाई रोक, ग्राहकों को मिलेगा रिफंड

भारतीय डाक विभाग ने अमेरिका के नए कस्टम ड्यूटी नियम के चलते 25 अगस्त 2025 से सभी पार्सल बुकिंग अस्थायी रूप से रोक दी है। केवल पत्र और 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम भेजे जा सकेंगे। पहले से बुक किए गए पार्सल के लिए ग्राहकों को डाक शुल्क की वापसी मिलेगी।

India Post: अमेरिकी प्रशासन द्वारा 30 जुलाई 2025 को जारी नए टैरिफ नियमों के कारण भारतीय डाक विभाग ने 25 अगस्त 2025 से अमेरिका के लिए सभी पार्सल बुकिंग अस्थायी रूप से रोक दी है। अब केवल पत्र, दस्तावेज़ और 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम ही भेजे जा सकेंगे। इस फैसले के तहत पहले बुक किए गए पार्सल के लिए ग्राहकों को रिफंड दिया जाएगा। विभाग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं को जल्द सामान्य करने के प्रयास जारी हैं।

सभी पार्सल पर अब कस्टम ड्यूटी लागू

अमेरिकी प्रशासन ने 30 जुलाई 2025 को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर नंबर 14324 जारी किया था। इस आदेश के तहत 800 डॉलर तक की कीमत वाले सामानों पर मिलने वाली ड्यूटी-फ्री छूट 29 अगस्त 2025 से समाप्त हो जाएगी। अब अमेरिका जाने वाले सभी डाक सामानों पर, चाहे उनकी कीमत कुछ भी हो, कस्टम ड्यूटी देनी होगी। यह ड्यूटी इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत देश-विशेष टैरिफ नियमों के आधार पर लागू की जाएगी।

फिलहाल, 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम को इस ड्यूटी से छूट दी गई है। इसके अलावा, पत्र और दस्तावेज भी सुरक्षित रहेंगे और उन्हें भेजा जा सकेगा।

अमेरिका पार्सल भेजने पर अस्थायी रोक

भारतीय डाक विभाग ने अमेरिका जाने वाले सभी पार्सल बुकिंग को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला लिया है। विभाग ने कहा है कि केवल पत्र, दस्तावेज और 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम ही भेजे जाएंगे। डाक विभाग ग्राहकों के हितों का ध्यान रखते हुए उन लोगों को सुविधा देगा जिन्होंने पहले से बुकिंग कराई थी। ऐसे ग्राहकों को उनके डाक शुल्क की वापसी यानी रिफंड की सुविधा दी जाएगी।

विभाग ने कहा कि वह सभी पक्षों के साथ मिलकर स्थिति पर नजर रख रहा है और जल्द से जल्द सेवाओं को सामान्य करने के प्रयास में लगा है।

नए सिस्टम में चुनौतियां

अंतरराष्ट्रीय डाक नेटवर्क के जरिए अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों के लिए ट्रांसपोर्ट कैरियर्स और अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा अधिकृत “क्वालिफाइड पार्टियों” को ड्यूटी वसूलने और जमा करने की जिम्मेदारी दी गई है।

हालांकि, CBP ने 15 अगस्त 2025 को दिशा-निर्देश जारी किए, लेकिन “क्वालिफाइड पार्टियों” की नियुक्ति और ड्यूटी वसूली की प्रक्रिया से जुड़े कई सवाल अभी अनसुलझे हैं। इस वजह से अमेरिका जाने वाले हवाई डाक कैरियर्स ने 25 अगस्त 2025 के बाद डाक सामान स्वीकार करने में असमर्थता जताई है। उनके पास नए सिस्टम के लिए तकनीकी और परिचालन तैयारियां अभी पूरी नहीं हुई हैं।

ग्राहकों को क्या सुविधा मिलेगी

जो ग्राहक पहले से पार्सल बुक कर चुके हैं, लेकिन अब भेज नहीं पा रहे हैं, वे अपने डाक शुल्क की वापसी की मांग कर सकते हैं। डाक विभाग ने ग्राहकों से खेद जताते हुए कहा कि स्थिति अस्थायी है और जल्द ही सेवाओं को पुनः शुरू किया जाएगा।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल केवल पत्र, दस्तावेज और 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम ही अमेरिका भेजे जा सकते हैं। बाकी सभी पार्सल और बडी शिपमेंट्स फिलहाल रोक दिए गए हैं।

डाक सेवाओं में संभावित देरी और रुकावट

विशेषज्ञों का कहना है कि यह अमेरिकी टैरिफ सिर्फ भारतीय डाक को प्रभावित नहीं कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और छोटे-छोटे व्यवसायों के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रहा है। अमेरिका में भेजे जाने वाले छोटे उपहार, दस्तावेज और व्यावसायिक सामानों पर यह नई ड्यूटी प्रत्यक्ष असर डाल सकती है।

टैरिफ और कस्टम नियमों के कारण अंतरराष्ट्रीय पार्सल ट्रांसपोर्ट कंपनियों को तकनीकी और प्रशासनिक बदलाव करने पड़ेंगे। इसके चलते डाक सेवाओं में देरी और अस्थायी रुकावट आने की संभावना है।

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