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सपा ने बार अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी पर लगाया दांव, मेरठ-सहारनपुर विधान परिषद स्नातक सीट से उतारा प्रत्याशी

सपा ने बार अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी पर लगाया दांव, मेरठ-सहारनपुर विधान परिषद स्नातक सीट से उतारा प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी (सपा) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा दांव खेलते हुए गौतमबुद्ध नगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी को मेरठ-सहारनपुर विधान परिषद (स्नातक) सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) वोट बैंक को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पार्टी ने विधान परिषद स्नातक चुनाव के लिए मेरठ-सहारनपुर सीट से गौतमबुद्ध नगर बार अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। प्रमेंद्र भाटी ने कहा कि उन्हें प्रत्याशी बनाए जाना कोई साधारण बात नहीं है। 

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके समाज और अधिवक्ताओं को बड़ा सम्मान दिया है। प्रदेश में इस समय विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक सीटों के चुनावों की तैयारियाँ जोरों पर हैं। सपा ने पहले ही मेरठ-सहारनपुर खंड की शिक्षक सीट पर हापुड़ जनपद से नितिन तोमर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

सपा की पीडीए रणनीति को मिला नया चेहरा

सपा ने हाल के महीनों में “पीडीए” पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकसंगठन को मज़बूत करने के लिए कई सामाजिक समीकरण साधे हैं। अब इस नीति को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी बनाने के लिए पार्टी ने प्रमेंद्र भाटी पर भरोसा जताया है। भाटी न केवल दो बार गौतमबुद्ध नगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं, बल्कि वे दो बार उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य पद के लिए भी चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी पहचान एक सक्रिय अधिवक्ता और सामाजिक रूप से प्रभावशाली चेहरे के रूप में है।

प्रमेंद्र भाटी का संबंध गुर्जर समाज से है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक सशक्त समुदाय माना जाता है। इस क्षेत्र में गुर्जर मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या हैखासकर मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, शामली, सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर और गौतमबुद्ध नगर जैसे जिलों में। सपा के इस कदम को इन जिलों में गुर्जर समाज को लामबंद करने के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, सपा ने इस बार “वोट बैंक से ज़्यादा भरोसेमंद नेतृत्व” पर जोर दिया है, ताकि स्थानीय स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत की जा सके।

अखिलेश यादव के फैसले की चर्चा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने व्यक्तिगत रूप से प्रमेंद्र भाटी का नाम फाइनल किया। भाटी ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कहा, मुझे प्रत्याशी बनाना केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि पूरे समाज और अधिवक्ता वर्ग का सम्मान है। अखिलेश यादव जी ने अधिवक्ताओं की भूमिका को समझते हुए जो भरोसा जताया है, वह ऐतिहासिक कदम है।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में “पीडीए की लहर” चल रही है और समाजवादी पार्टी इस बार हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के संकल्प के साथ मैदान में है। सूत्रों के अनुसार, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भाटी और वरिष्ठ नेता देव रंजन नागर ने इस निर्णय में अहम भूमिका निभाई। दोनों नेताओं ने संगठन के स्तर पर यह सुझाव दिया कि अधिवक्ताओं के प्रतिनिधित्व से पार्टी को विश्वसनीयता और बौद्धिक समर्थन मिलेगा।

 

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