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भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, 62 साल सेवा दे चुके मिग-21 फाइटर जेट को किया जाएगा रिटायर

भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, 62 साल सेवा दे चुके मिग-21 फाइटर जेट को किया जाएगा रिटायर

भारतीय वायुसेना सितंबर में मिग-21 को आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्त करेगी। 62 वर्षों की सेवा के बाद चंडीगढ़ एयरबेस पर विशेष समारोह में इसे विदाई दी जाएगी।

MiG-21 Retirement: भारतीय वायुसेना के मिग-21 फाइटर जेट को सितंबर 2025 में आधिकारिक रूप से सेवा से हटा दिया जाएगा। 62 वर्षों तक देश की सुरक्षा में तैनात रहे इस ऐतिहासिक विमान को चंडीगढ़ एयरबेस पर एक विशेष समारोह में विदाई दी जाएगी। मिग-21 न केवल तकनीकी उपलब्धि का प्रतीक रहा बल्कि भारत के कई सैन्य अभियानों का अहम हिस्सा भी बना।

मिग-21 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मिग-21 एक सिंगल-सीटर सुपरसोनिक फाइटर जेट है जिसे सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने 1959 में विकसित किया था। भारतीय वायुसेना ने इसे पहली बार 1963 में शामिल किया। यह विमान 18,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है और 2,230 किलोमीटर प्रति घंटे (माक 2.05) की गति तक पहुंच सकता है। यह एयर-टू-एयर मिसाइल और बम ले जाने में भी सक्षम है।

भारत-पाक युद्धों में निभाई अहम भूमिका

मिग-21 ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में बेहद निर्णायक भूमिका निभाई थी। खासकर 1971 में, एक भारतीय मिग-21 ने पाकिस्तानी चेंगडू F-7 (मिग-21 का ही चीनी वर्जन) को मार गिराया था। इसके अलावा करगिल युद्ध 1999 और बालाकोट एयरस्ट्राइक 2019 में भी इसने अहम जिम्मेदारियां निभाईं।

क्यों कहा जाता है 'फ्लाइंग कॉफिन'

मिग-21 को 'फ्लाइंग कॉफिन' या 'विडो मेकर' कहे जाने के पीछे एक दुखद सच्चाई है। इस विमान से जुड़े क्रैश की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं। तकनीकी खामियों और पुराने डिजाइन के कारण इसे उड़ाना जोखिम भरा माना गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी कॉकपिट डिजाइन ऐसी है जिससे पायलट को रनवे ठीक से नहीं दिखता। इसके अलावा इसकी लैंडिंग स्पीड बहुत तेज होती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।

रूस और अन्य देशों ने पहले ही किया रिटायर

भारत भले अब मिग-21 को रिटायर कर रहा हो, लेकिन रूस ने इसे 1985 में ही सेवा से हटा दिया था। अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों ने भी इस विमान को पहले ही विदाई दे दी थी। भारत में भी लंबे समय से इसकी सेवा समाप्त करने की मांग उठ रही थी, जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।

62 वर्षों की सेवा एक गौरवशाली इतिहास

62 वर्षों तक भारतीय वायुसेना में सक्रिय रहने वाला मिग-21 भारतीय सैन्य इतिहास में अपनी जगह बना चुका है। यह एक ऐसा विमान रहा है जिसने भारत की सुरक्षा में कई निर्णायक क्षणों को गढ़ा है। हालांकि इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे, लेकिन देश के लिए इसकी सेवाएं अविस्मरणीय हैं।

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