मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं। 4 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। फारूक अब्दुल्ला और चौधरी रमजान को राज्यसभा भेजने पर पार्टी में सहमति बन गई है।
Jammu-Kashmir Cabinet: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी कैबिनेट का विस्तार करने की तैयारी में हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आगामी एक पखवाड़े में नेशनल कॉन्फ्रेंस के चार नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। इस संभावित फेरबदल को लेकर पार्टी स्तर पर सहमति बन चुकी है, जिसमें पुराने चेहरों की जगह नए प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
तनवीर सादिक को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
मुख्य प्रवक्ता और मुख्यमंत्री उमर के करीबी माने जाने वाले तनवीर सादिक को इस बार मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। उन्हें श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकता है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि तनवीर को सरकार में शामिल कर राजधानी क्षेत्र की भागीदारी को और मज़बूती दी जाएगी।
उत्तरी कश्मीर से फारूक शाह और दक्षिण से बशीर वीरी
पूर्व आइएएस अधिकारी और टंगमर्ग के विधायक पीरजादा फारूक शाह को भी कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चा है। उनके जिम्मे पर्यटन और R&B (Roads and Buildings) विभाग का कार्यभार दिया जा सकता है। वहीं दक्षिण कश्मीर से बिजबिहाड़ा के विधायक डॉ. बशीर वीरी को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बशीर वीरी ने हाल ही में विधानसभा चुनाव में इल्तिजा मुफ्ती को हराकर राजनीतिक हलकों में चर्चा बटोरी थी।
गुज्जर समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे मियां मेहर अली
कंगन से विधायक मियां मेहर अली, जो कि वरिष्ठ गुज्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद के बेटे हैं, उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। इस फैसले से पार्टी को गुज्जर समुदाय के बीच अपनी पकड़ को और मज़बूत करने की उम्मीद है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि यह कदम आने वाले चुनावों में समुदाय विशेष का समर्थन हासिल करने में सहायक हो सकता है।
राज्यसभा के लिए फारूक अब्दुल्ला और रमजान का नाम तय
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्यसभा में भेजे जाने वाले चेहरों पर भी फैसला कर लिया है। पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और वरिष्ठ नेता चौधरी मोहम्मद रमजान को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा तीसरी संभावित सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी को समर्थन देने की बात सामने आ रही है।
शम्मी ओबेराय के नाम पर विचार
मुख्यमंत्री उमर के करीबी माने जाने वाले पार्टी कोषाध्यक्ष शम्मी ओबेराय को भी राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो उनके नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
कुछ नामों पर मतभेद भी
लोलाब से तीन बार विधायक रह चुके कैसर जमशीद लोन का नाम भी मंत्रिमंडल में संभावित चेहरे के तौर पर सामने आया है। हालांकि मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर सोगामी उनके नाम पर कथित तौर पर आपत्ति जता रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी आंतरिक असहमति के बावजूद उन्हें शामिल करती है या नहीं।
कांग्रेस को मंत्रिमंडल से बाहर रखने की रणनीति
कांग्रेस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्य का दर्जा बहाल होने तक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से कांग्रेस को मंत्रिमंडल से बाहर रखना, केंद्र में भाजपा सरकार के प्रति सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट में छह मंत्री शामिल हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने संभावित मंत्रियों के नामों पर सहमति जता दी है। यह सहमति बताती है कि पार्टी नए चेहरों को मौका देने और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीति को मजबूत करने के पक्ष में है।