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BHEL Share: भेल को अडानी पावर से मिला बड़ा ऑर्डर, ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ेगी भागीदारी

BHEL Share: भेल को अडानी पावर से मिला बड़ा ऑर्डर, ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ेगी भागीदारी

शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने खुलासा किया कि उसे अडानी पावर लिमिटेड (APL) से एक महत्वपूर्ण ऑर्डर मिला है। 

शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड यानी भेल ने एक अहम ऐलान किया। कंपनी को अडानी पावर लिमिटेड की ओर से एक बड़ा ऑर्डर मिला है, जिससे न केवल भेल की ऑर्डर बुक मजबूत हुई है, बल्कि भारत के ऊर्जा सेक्टर को भी नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

छह थर्मल यूनिट्स के लिए भेल को जिम्मेदारी

भेल को जो नया ऑर्डर मिला है, वह 800 मेगावाट की छह थर्मल यूनिट्स के लिए है। इसमें कंपनी को स्टीम टर्बाइन जनरेटर और उससे जुड़े तमाम सहायक उपकरणों की सप्लाई करनी है। इसके साथ ही इंस्टॉलेशन और कमीशनिंग की प्रक्रिया के दौरान तकनीकी निगरानी का काम भी भेल ही करेगी।

इस प्रोजेक्ट से संबंधित लेटर ऑफ अवार्ड अडानी पावर लिमिटेड ने जारी किया है। यह एक घरेलू प्रोजेक्ट है और इसका कार्यान्वयन पूरी तरह से ग्राहक यानी अडानी पावर की ज़रूरतों और निर्धारित समयसीमा के मुताबिक होगा।

भेल की साख और मजबूत होगी

भेल एक सरकारी इंजीनियरिंग कंपनी है, जो कई दशकों से पावर सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस नए ऑर्डर से न केवल कंपनी की तकनीकी दक्षता का एक बार फिर प्रमाण मिलेगा, बल्कि इसके ज़रिए कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग क्षमता को भी एक नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।

यह ऑर्डर एक बार फिर यह दर्शाता है कि भेल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों पर देश के बड़े कॉरपोरेट ग्रुप्स को भी भरोसा है। अडानी पावर जैसा बड़ा समूह भेल को अपनी 800 मेगावाट यूनिट्स की जिम्मेदारी सौंप रहा है, यह भेल की साख को और भी मजबूत करता है।

देश की ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए इस तरह की परियोजनाएं काफी अहम मानी जा रही हैं। अडानी पावर के इस प्रोजेक्ट में भेल की भागीदारी से यह साफ है कि देश के ऊर्जा ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने में भेल अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है।

इस तरह के प्रोजेक्ट्स से देश के अलग-अलग हिस्सों में बिजली की उपलब्धता को बेहतर किया जा सकता है। साथ ही, इससे देश के थर्मल पावर सेक्टर में टेक्नोलॉजी और गुणवत्ता का स्तर भी ऊंचा होगा।

भेल के ताजा नतीजे भी रहे बेहतर

मार्च 2025 में खत्म हुई तिमाही के आंकड़े भी भेल के लिए हौसला बढ़ाने वाले रहे। कंपनी ने 504.45 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है, जो कि पिछले साल मार्च 2024 में 489.62 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी की कमाई में लगभग 3 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

भेल लगातार कोशिश कर रही है कि वह अपनी परियोजनाओं की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए समय पर डिलिवरी दे सके। यह नई डील इस बात का उदाहरण है कि भेल की रणनीति और निष्पादन पर कंपनियों को भरोसा है।

शेयर बाजार में हलचल

भेल का शेयर शुक्रवार को मामूली गिरावट के साथ 263.45 रुपये पर बंद हुआ। यह 0.38 फीसदी की गिरावट थी। हालांकि बीते एक साल में कंपनी के शेयर में करीब 11.28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद कंपनी के ऑर्डर बुक और तिमाही नतीजे यह संकेत दे रहे हैं कि इसका फंडामेंटल मजबूत है।

शेयर में उतार-चढ़ाव की वजह बाजार की सामान्य स्थितियों और सेक्टर आधारित ट्रेंड्स को भी माना जा सकता है। लेकिन कंपनी की लगातार मिल रही परियोजनाएं और मजबूत नतीजे निवेशकों का भरोसा बनाए रखने में मदद करते हैं।

अडानी पावर और भेल की साझेदारी

अडानी ग्रुप की कंपनियां देश के ऊर्जा क्षेत्र में अपनी पहुंच लगातार बढ़ा रही हैं। इसी दिशा में अडानी पावर का यह प्रोजेक्ट भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस साझेदारी से दोनों कंपनियों को दीर्घकालिक लाभ मिल सकता है।

भेल के पास थर्मल पावर सेक्टर में बड़ी परियोजनाएं हैं और कंपनी कई दशकों से इस क्षेत्र में तकनीकी और उत्पादन दोनों स्तर पर बेहतर कर रही है। अडानी पावर के इस प्रोजेक्ट से भेल को बड़े पैमाने पर कार्य अनुभव और व्यावसायिक मजबूती मिलेगी।

निर्माण समय और कार्य अवधि 

इस ऑर्डर के तहत भेल को न केवल इक्विपमेंट सप्लाई करना है, बल्कि प्रोजेक्ट की स्थापना और चालू करने के दौरान उसकी हर तकनीकी पहलू पर नजर रखनी होगी। समयसीमा अडानी पावर के प्रोजेक्ट कैलेंडर के अनुसार तय की जाएगी, यानी यह एक चरणबद्ध कार्य होगा जिसमें कई महीनों तक तकनीकी दल काम करेगा।

इस तरह के प्रोजेक्ट्स से भेल को अपने तकनीकी कर्मचारियों की स्किल अपग्रेड करने का भी अवसर मिलता है। साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में उत्पादन का स्तर और गुणवत्ता भी बढ़ती है।

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