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बिहार चुनाव 2025: बसपा के 88 प्रत्याशियों की घोषणा, 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी की जारी

बिहार चुनाव 2025: बसपा के 88 प्रत्याशियों की घोषणा, 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी की जारी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने पार्टी के 88 प्रत्याशियों की पूरी सूची जारी की, जो विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही चुनावी अभियान को मजबूती देने के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी घोषित की गई है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया के दौरान राजनीति ने एक नया मोड़ लिया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बिहार में अपने 88 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। साथ ही पार्टी सुप्रीमो मायावती ने चुनाव प्रचार के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी सार्वजनिक की है।

बसपा के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी बिहार की विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से अपनी रणनीति पर काम कर रही है। पहली सूची में प्रमुख और रणनीतिक सीटों पर प्रत्याशी शामिल किए गए हैं। पार्टी ने बताया कि शेष सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी।

बसपा की रणनीति और स्टार प्रचारक

BSP ने बिहार चुनाव 2025 में अपनी मजबूत पैठ को देखते हुए मुख्य नेता और स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसमें मायावती के साथ-साथ राज्य और केंद्र स्तर के वरिष्ठ नेता शामिल हैं, जो विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा और रोडशो के माध्यम से पार्टी का संदेश पहुंचाएंगे। सूत्रों के अनुसार, बसपा इस बार यादव, मुस्लिम और पिछड़े वर्गों पर अपना फोकस रख रही है। पार्टी ने राज्य के कई हिस्सों में मजबूत संगठन तैयार किया है, ताकि बिहार के पहले चरण के चुनाव में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकें।

सुभासपा ने NDA से किया किनारा

बसपा की घोषणाओं के बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Sujeldev Bharatiya Samaj Party – SSBP/सुभासपा) ने भी राजनीतिक मोड़ लिया है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और NDA से दूरी बनाते हुए अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया। राजभर की पार्टी ने पहले चरण में 47 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। सुभासपा के इस फैसले का कारण स्पष्ट है — भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए गठबंधन के तहत सुभासपा को एक भी सीट नहीं दी, जबकि स्थानीय सहयोगी दलों को हिस्सेदारी दी गई।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा, हमने गठबंधन में पूरी कोशिश की, लेकिन हमारी मांग पर किसी ने गौर नहीं किया। अंततः हमें अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लेना पड़ा। राजभर पिछले दो साल से बिहार चुनाव की तैयारी में लगे हुए थे। वे लगातार रैली और जनसभाओं के माध्यम से अपने वोट बैंक को मजबूत कर रहे थे। इस कदम से यह साफ है कि सुभासपा अब स्वतंत्र रूप से चुनाव में अपनी ताकत आजमाएगी, और NDA से दूरी बना रही है।

सुभासपा का प्रभाव मुख्यतः बिहार के निषाद, मल्लाह और नाविक समुदायों में देखा जाता है। ये समुदाय कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पार्टी ने 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर स्पष्ट कर दिया है कि वे जनसमर्थन के आधार पर चुनाव जीतने का लक्ष्य रखते हैं।

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