बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच नेपाल और उत्तरी बिहार में भारी बारिश से बाढ़ का संकट बढ़ गया है। मुजफ्फरपुर, सुपौल, सहरसा, सीतामढ़ी समेत 21 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच उत्तर और पूर्वी जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। नेपाल और बिहार में हुई लगातार भारी बारिश के कारण कोसी, बागमती, गंडक और कमला जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। मुजफ्फरपुर, सुपौल, सहरसा, सीतामढ़ी, किशनगंज और पश्चिम चंपारण समेत कई जिलों में तटबंध टूटने और जलभराव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है।
मुजफ्फरपुर में बागमती नदी ने मचाई तबाही
मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड और रुन्नीसैदपुर के अनंत विशनपुर में बागमती नदी के दक्षिणी तटबंध में छह स्थानों पर रिसाव हुआ। बकुची पीपा पुल पर पानी चढ़ने से सड़क पर आवाजाही ठप हो गई और बाढ़ का पानी स्थानीय स्कूलों तथा यूनियन बैंक शाखा तक पहुँच गया। कई ग्रामीण घर जलमग्न हो गए हैं, जिससे लोगों में डर और दहशत का माहौल बना हुआ है।
प्रशासन ने तटबंधों की स्थिति पर लगातार नजर रखी हुई है और आपातकालीन टीमों को रवाना किया गया है। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जलभराव के कारण क्षेत्र में परिवहन और दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है।
सुपौल-सहरसा में कोसी और परमान नदियों का प्रकोप
सुपौल जिले में कोसी बराज से 5.33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे सदर, मरौना, किशनपुर और सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। सोमवार तक सौ से अधिक गांव प्रभावित रहे। जल संसाधन विभाग के अभियंता संजीव शैलेश ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और अभियंताओं की टीम लगातार गश्त कर रही है।
सहरसा में चार प्रखंड की लगभग 30 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुईं हैं। हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। फारबिसगंज प्रखंड में परमान नदी के बांध के टूटने से पिपरा पंचायत के तीन टोले जलमग्न हो गए। जोगबनी स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन आंशिक रूप से शुरू किया गया है।
किशनगंज-कटिहार और पश्चिम चंपारण में हालात गंभीर
किशनगंज में महानंदा और कनकई नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। कटिहार जिले में महानंदा और गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ा है, जिससे प्रभावित इलाकों में स्कूल और सड़क संपर्क प्रभावित हुए हैं।
पश्चिम चंपारण के सिकटा, माजर और धुतहां क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी घरों और स्कूलों में घुस गया। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए आपातकालीन योजना लागू कर दी है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
तीन जिलों में बाढ़ का संकट जारी
मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान नदी लाल निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। सीतामढ़ी और शिवहर में बागमती नदी के तटबंध पर रिसाव और दबाव के कारण ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं। पुल और सड़क संपर्क बाधित होने के कारण दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है।
राज्य की कुल 21 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जो पिछले 15 वर्षों में पहली बार देखा गया है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और तटबंधों पर लगातार गश्त कर रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।