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बिहार में मतदाता सूची विवाद पर चौथे दिन संसद में हंगामा, विपक्ष के विरोध में लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

बिहार में मतदाता सूची विवाद पर चौथे दिन संसद में हंगामा, विपक्ष के विरोध में लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के विरोध के चलते गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी।

New Delhi: गुरुवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा की कार्यवाही विपक्ष के जोरदार विरोध और नारेबाजी के चलते दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसी तरह, लोकसभा में भी बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के महज सात मिनट बाद ही इसे अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश द्वारा प्रश्नकाल की घोषणा के तुरंत बाद विपक्षी दलों के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही रोक दी गई।

लोकसभा में हंगामा और कार्यवाही स्थगित

गुरुवार सुबह जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका मुख्य मुद्दा बिहार में चल रहे SIR को लेकर था। विपक्षी सांसदों ने आसन के पास आकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं। इन तख्तियों पर SIR विरोधी नारे लिखे थे। उन्होंने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से बार-बार शांति बनाए रखने और अपनी जगह पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है। लेकिन हंगामा लगातार बढ़ता गया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही महज सात मिनट बाद ही अपराह्न 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में भी नहीं थमा हंगामा

राज्यसभा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं रही। जैसे ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। नतीजतन, उच्च सदन की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

सांसद उज्ज्वल निकम ने राज्यसभा में ली शपथ

इस बीच, विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। उज्ज्वल निकम 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक रहे हैं और उन्हें राष्ट्रपति द्वारा 13 जुलाई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उन्होंने मराठी में शपथ ली।

उनके अलावा, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सदानंदन मास्टर को भी राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। यह नामांकन संविधान के अनुच्छेद 80(1)(A) के अंतर्गत किया गया है। ये सदस्य पूर्व में नामित सांसदों के सेवानिवृत्त होने से खाली हुई सीटों की पूर्ति करेंगे।

सरकार की कोशिश और विपक्ष का विरोध

विपक्ष की मांग है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए और इस पर संसद में चर्चा कराई जाए। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया से कुछ वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं सरकार इस प्रक्रिया को नियमित और कानूनन सही बता रही है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। हालांकि शोर-शराबे के कारण कई प्रश्नों पर चर्चा नहीं हो सकी।

लोकतंत्र की मर्यादा पर सवाल

लगातार चार दिनों से संसद का कामकाज बाधित होने से आम जनता में भी निराशा है। संसद, जहां देश की नीतियों और कानूनों पर चर्चा होनी चाहिए, वहां केवल नारेबाजी और हंगामा दिखाई दे रहा है। इससे न सिर्फ संसदीय परंपराओं की गरिमा को ठेस पहुंच रही है, बल्कि आम जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा भी अधर में लटक रही है।

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