ईडी ने चिटफंड घोटाले में पूर्व टीएमसी सांसद कंवर दीप सिंह से जुड़ी ₹127 करोड़ की संपत्ति कुर्क की। यह संपत्ति पंचकूला स्थित अल्केमिस्ट और ओजस अस्पताल के शेयरों के रूप में है।
ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पूर्व सांसद कंवर दीप सिंह से जुड़ी 127.33 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है। यह संपत्तियां हरियाणा के पंचकूला में स्थित दो निजी अस्पतालों - अल्केमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल के शेयरों के रूप में हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के एक बड़े मामले के तहत की गई है जिसमें 1,848 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप है।
धोखाधड़ी का नेटवर्क और अल्केमिस्ट ग्रुप की भूमिका
ED की जांच अल्केमिस्ट ग्रुप और इससे जुड़ी कंपनियों द्वारा चलाई गई Collective Investment Schemes (CIS) के जरिए आम जनता से पैसे इकट्ठा करने और फिर उसका दुरुपयोग करने पर केंद्रित है। एजेंसी का दावा है कि समूह ने फर्जी निवेश योजनाओं के ज़रिए हज़ारों निवेशकों को प्लॉट, फ्लैट और ऊंचे रिटर्न का झांसा देकर करीब 1,848 करोड़ रुपये जुटाए। लेकिन यह धन संपत्ति बनाने और कंपनियों में निवेश करने के लिए अवैध रूप से इस्तेमाल किया गया।
कंपनियों के लेन-देन से छिपाया गया अवैध पैसा
ईडी के अनुसार, ग्रुप की कंपनियों के बीच जटिल लेन-देन के माध्यम से इस रकम को कई स्तरों पर घुमाया गया ताकि इसकी वास्तविकता को छिपाया जा सके। इसके बाद इस पैसे से पंचकूला में अल्केमिस्ट और ओजस अस्पताल खड़े किए गए। ये अस्पताल अब अपराध से अर्जित संपत्ति माने जा रहे हैं, जिन्हें वैध दिखाने की कोशिश की गई थी।
करण दीप सिंह के पास थी अस्पतालों की मिल्कियत
ईडी का दावा है कि जिन शेयरों को कुर्क किया गया है, उनका स्वामित्व कंवर दीप सिंह के बेटे करण दीप सिंह के पास है। इस लिहाज से यह कार्रवाई न सिर्फ पूर्व सांसद पर, बल्कि उनके पारिवारिक और कारोबारी नेटवर्क पर भी सीधा प्रहार मानी जा रही है।
जांच की शुरुआत और कानूनी प्रक्रिया
यह मामला पहले कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर से शुरू हुआ था। बाद में इसे सीबीआई की लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को सौंपा गया। इसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। मामले में पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act), 2002 की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।