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जम्मू-कश्मीर मे फारूक अब्दुल्ला पर बीजेपी नेता तरुण चुग का गंभीर आरोप, कहा- 'ISI के इशारों पर कर रहे काम'

जम्मू-कश्मीर मे फारूक अब्दुल्ला पर बीजेपी नेता तरुण चुग का गंभीर आरोप, कहा- 'ISI के इशारों पर कर रहे काम'

जम्मू-कश्मीर की सियासत में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है। बीजेपी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर काम करने वाला करार दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब्दुल्ला की राजनीति हमेशा राष्ट्रविरोधी ताकतों को बल देती रही है और वह आज भी पाकिस्तान की लाइन पर ही चल रहे हैं।

कश्मीरी पंडितों के पलायन पर क्यों रहे चुप

बीजेपी ने आरोप लगाया कि फारूक अब्दुल्ला ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनके खिलाफ हुए अत्याचारों पर चुप्पी साधे रखी। तरुण चुघ ने सवाल किया कि जब हजारों पंडितों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा और समुदाय को लगभग पूरी तरह घाटी से बाहर कर दिया गया, तब फारूक अब्दुल्ला कहां थे? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या उस समय लोकतंत्र के लिए आवाज़ उठाना जरूरी नहीं था, या कोई ऐसा आपातकाल था जो एक पूरे समुदाय की पीड़ा को नजरअंदाज करने का बहाना बना?

बीजेपी नेताओं का कहना है कि अब्दुल्ला की चुप्पी सिर्फ उस समय ही नहीं, बल्कि हाल ही में घाटी में हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर की गई आतंकी घटनाओं के दौरान भी रही है। पार्टी ने इसे ‘चुनिंदा संवेदनशीलता’ बताते हुए राजनीतिक नौटंकी करार दिया।

अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर बेचैनी

बीजेपी महासचिव तरुण चुघ ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर ने पहली बार असली लोकतंत्र का अनुभव किया है। उनका कहना है कि अब्दुल्ला परिवार के लिए अनुच्छेद 370 का दौर एक 'सुखद और सुविधाजनक' समय था, जिसमें वे सत्ता और व्यवस्था पर एकाधिकार जमाए हुए थे। लेकिन अब जब केंद्र सरकार के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है, तो अब्दुल्ला और उनकी पार्टी बेचैन हैं।

चुघ ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला परिवार के शासन में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं थी। उन्होंने कहा कि अब अनुच्छेद 370 के हटने के बाद विकास की योजनाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं और आम जनता का सशक्तिकरण हो रहा है।

आतंकवाद पर दोहरा रवैया क्यों

तरुण चुघ ने अब्दुल्ला पर आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कभी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा मारे गए हिंदू तीर्थयात्रियों या पर्यटकों के लिए संवेदना नहीं जताई। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला का यह रवैया साफ तौर पर दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं और वह किस एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

बीजेपी का कहना है कि ऐसी राजनीति जम्मू-कश्मीर की जनता को भ्रमित करने की साजिश है, जिसे अब लोग समझने लगे हैं। चुघ ने दोहराया कि केंद्र सरकार राज्य में शांति, विकास और लोकतंत्र को मजबूती से स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, और ऐसे बयानों से यह अभियान कमजोर नहीं होगा।

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