बिहार की राजनीति में बयानबाज़ी तेज होती जा रही है। जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के 'दामाद आयोग' वाले बयान पर पलटवार करते हुए अपने दामाद को योग्य और मीसा भारती के पति शैलेश को 'नालायक' करार दिया है।
Bihar Politics: बिहार में चुनावी राजनीति और पारिवारिक आरोप-प्रत्यारोप अब व्यक्तिगत स्तर तक पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने तेजस्वी यादव के हालिया बयान का जवाब सोशल मीडिया के ज़रिए दिया और 'लायक बनाम नालायक' बेटों और दामादों की तुलना पेश की।
तेजस्वी के 'दामाद आयोग' बयान से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कुछ नियुक्तियों पर सरकार को घेरते हुए 'दामाद आयोग' शब्द का इस्तेमाल किया था। इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने तंज कसा कि तेजस्वी को पहले अपने परिवार की स्थिति देखनी चाहिए। उन्होंने इशारों में लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को 'नालायक' करार देते हुए कहा कि जब बेटा खुद कुछ नहीं कर पाता तो उसे राजनीति में उतार दिया जाता है।
मांझी ने बेटे-दामाद की दी तुलना
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मांझी ने लिखा कि एक लायक बेटा अपने दम पर UNICEF में काम करता है, UGC-NET पास करता है, पीएचडी करता है और फिर BPSC के ज़रिए विश्वविद्यालय में शिक्षक बनता है। वहीं एक नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता, क्रिकेट में विफल होता है और फिर राजनीति में आ जाता है।
शैलेश पर सीधा हमला
जीतन राम मांझी ने इस पोस्ट में अपने दामाद देवेंद्र को 'लायक' बताते हुए कहा कि उन्होंने समाज सेवा की है और योग्यता के आधार पर उन्हें आयोग में जगह दी गई है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने बिना नाम लिए मीसा भारती के पति शैलेश को 'नालायक दामाद' कहकर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि वह इंजीनियर होते हुए भी घर जमाई बने हुए हैं और अपनी सांसद पत्नी का पर्स उठाते रहते हैं।
'योग्यता बनाम कृपा से राजनीति'
मांझी ने दोहराया कि लायक दामाद समाज का पहला इंजीनियर होता है, जिसने कई चुनाव लड़े और सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभाई। वहीं एक अन्य दामाद, जो पढ़े-लिखे होते हुए भी अपनी पहचान नहीं बना पाए, सिर्फ परिवार के प्रभाव से राजनीति में टिके हुए हैं। उनका यह इशारा स्पष्ट रूप से शैलेश की ओर था।
RJD खेमे में हलचल, NDA को मिला मुद्दा
इस बयानबाजी के बाद बिहार की राजनीति फिर गर्मा गई है। RJD की तरफ से अब तक कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस बयान से नाराज़गी देखी जा रही है। वहीं NDA खेमे के नेता इस मुद्दे को तेजी से उठा रहे हैं और इसे परिवारवाद और राजनीतिक योग्यता की बहस का हिस्सा बना रहे हैं।