ब्रेन स्ट्रोक यानी मस्तिष्काघात को अक्सर अचानक आने वाला स्वास्थ्य संकट माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह बीमारी महीनों पहले ही शरीर में कई संकेत भेजने लगती है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो स्ट्रोक से बचना संभव है।
ब्रेन स्ट्रोक की समस्या तब होती है जब मस्तिष्क तक खून की आपूर्ति में रुकावट आती है या रक्तस्राव हो जाता है। इससे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे कोशिकाएं मरने लगती हैं। ये क्षति स्थायी हो सकती है — लेकिन समय रहते लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो न केवल जान बचाई जा सकती है, बल्कि स्थायी अपंगता से भी बचा जा सकता है।
1. लगातार चक्कर आना और मतली रहना
अगर आपको बिना किसी ठोस कारण के लगातार चक्कर आ रहे हैं, या मतली महसूस हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। विशेष रूप से तब, जब गर्मी या तनाव जैसे सामान्य कारण मौजूद न हों।
यह क्यों होता है?
ब्रेन में रक्त प्रवाह की रुकावट या असंतुलन से यह समस्या होती है। जब मस्तिष्क के वे हिस्से जो संतुलन और गति को नियंत्रित करते हैं, ऑक्सीजन से वंचित होते हैं, तो चक्कर और मतली महसूस होती है।
2. असामान्य थकावट और सिरदर्द
अगर नींद पूरी होने के बावजूद शरीर थका हुआ महसूस करता है और सिर में हल्का या लगातार दर्द बना रहता है, तो यह भी एक संकेत हो सकता है। खासकर जब सिरदर्द दिन-ब-दिन तेज़ होता जाए या सामान्य पेनकिलर से भी राहत न मिले।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
यह थकावट शरीर की ऑक्सीजन की कमी और न्यूरोलॉजिकल तनाव का परिणाम हो सकती है, जो मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।
3. शरीर के एक हिस्से में सुन्नपन
स्ट्रोक का सबसे आम संकेत है – शरीर के एक ओर हाथ, पैर या चेहरे का हिस्सा अचानक सुन्न हो जाना। यह आमतौर पर मस्तिष्क के उस हिस्से में ब्लड सप्लाई रुकने से होता है, जो शरीर के उस विशेष भाग को नियंत्रित करता है।
इस पर ध्यान दें:
अगर आपको ऐसा अनुभव होता है और साथ ही बोलने या समझने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
4. दृष्टि में गड़बड़ी
एक आंख से धुंधला दिखना, डबल विजन या अचानक दिखाई देना बंद हो जाना — ये लक्षण स्ट्रोक की ओर संकेत कर सकते हैं। कभी-कभी यह सिर्फ कुछ सेकंड के लिए होता है, लेकिन यह मिनी स्ट्रोक का इशारा हो सकता है।
यह क्यों होता है?
मस्तिष्क के दृश्य केंद्रों में रक्त का प्रवाह प्रभावित होने से यह समस्या उत्पन्न होती है।
5. बोलने में समस्या या अस्पष्ट भाषा
अगर अचानक बोलने में तकलीफ हो, शब्द ठीक से न निकलें, या सामने वाला व्यक्ति आपकी बात समझ न पाए — तो इसे नजरअंदाज न करें।
मेडिकल संकेत
यह Aphasia नामक स्थिति का हिस्सा हो सकता है, जो स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क की भाषा प्रक्रिया प्रभावित होने पर होती है।
6. चलने में असंतुलन या अचानक गिर जाना
यअगर चलते वक्त आपके पैर अचानक लड़खड़ाने लगें, संतुलन बिगड़ जाए या आप बिना किसी ठोस वजह के गिर पड़ें, तो इसे हल्के में न लें। यह मस्तिष्क में खून के प्रवाह में रुकावट का संकेत हो सकता है, जो ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या का शुरुआती लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव: शिलाजीत का प्रभावी योगदान
ब्रेन सर्जन और आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो शिलाजीत जैसे प्राकृतिक पदार्थ स्ट्रोक से बचाव में सहायक हो सकते हैं। इसमें 80 से अधिक ट्रेस मिनरल्स होते हैं जो तंत्रिका तंत्र को मज़बूती देते हैं।
शिलाजीत के फायदे:
- यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
- नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है, जो रक्त धमनियों को खोलने में मदद करता है
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जिससे ब्रेन को स्थायी क्षति से बचाया जा सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति अचानक नहीं आती, बल्कि शरीर पहले ही संकेत देना शुरू कर देता है। यदि इन लक्षणों—जैसे चक्कर, सुन्नपन, दृष्टि दोष या संतुलन की गड़बड़ी—को समय पर पहचान लिया जाए, तो जान और अपंगता दोनों से बचा जा सकता है। साथ ही, जीवनशैली में सुधार और शिलाजीत जैसे प्राकृतिक उपायों को अपनाकर हम ब्रेन हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।