बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ी कामयाबी: 300 किमी वायाडक्ट बनकर तैयार, अगले साल से शुरू हो सकता है ट्रायल रन

भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में 300 किमी वायाडक्ट बनकर तैयार, 2026 में सूरत-बिलीमोरा के बीच ट्रायल रन की उम्मीद, काम तेजी से चल रहा है।

Bullet Train: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वीडियो शेयर कर बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट बनकर तैयार हो चुका है। यानी इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। अब अनुमान है कि अगले साल इस बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन शुरू हो सकता है।

चलिए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं—

क्या है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति?

मुंबई से अहमदाबाद के बीच बन रही इस बुलेट ट्रेन लाइन के कुल 300 किलोमीटर वायाडक्ट का काम पूरा हो चुका है। इसमें से 257.4 किलोमीटर का निर्माण फुल स्पैन लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी से हुआ है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से काम की रफ्तार 10 गुना तक बढ़ गई है, जिससे काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।

इस दौरान कई नदियों पर पुल, स्टील और पीएससी ब्रिज, स्टेशन बिल्डिंग्स का भी निर्माण किया गया है। अब तक इस प्रोजेक्ट में 383 किलोमीटर पियर्स, 401 किलोमीटर फाउंडेशन और 326 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग पूरी हो चुकी है।

कब से शुरू होगा ट्रायल रन और कब तक दौड़ेगी बुलेट ट्रेन?

रेलवे अधिकारियों और विशेषज्ञों के मुताबिक, बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन अगले साल शुरू होने की संभावना है। यानी 2026 में कुछ रूट्स पर ट्रेन का ट्रायल रन देखने को मिल सकता है।

अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो 2029 तक इस प्रोजेक्ट के तहत पूरी तरह से कमर्शियल सर्विस शुरू होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि 2029 से मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन से सफर करना संभव हो सकेगा।

भारत में ही बन रही है बुलेट ट्रेन के लिए ज़रूरी टेक्नोलॉजी

इस प्रोजेक्ट की एक खास बात यह भी है कि इसमें इस्तेमाल हो रही ज़्यादातर टेक्नोलॉजी और संसाधन भारत में ही बनाए जा रहे हैं। चाहे वो लॉन्चिंग गैंट्री हो, ब्रिज गैंट्री हो या गर्डर ट्रांसपोर्टर्स— ये सभी भारत में ही बने हैं। इससे भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम साबित हो रहा है।

फुल स्पैन टेक्नोलॉजी से हर एक स्पैन गर्डर करीब 970 टन वजनी होता है। इसके अलावा, आवाज को कम करने के लिए वायाडक्ट के दोनों ओर 3 लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर लगाए गए हैं, ताकि ट्रेन की रफ्तार से आसपास के इलाकों में शोर न पहुंचे।

कहां से कहां तक दौड़ेगी बुलेट ट्रेन?

बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र और गुजरात में कई डिपो बनाए जा रहे हैं। मौजूदा अपडेट के मुताबिक, अगले साल की शुरुआत में जापान से शिंकानसेन ट्रेन के कोच भारत आ सकते हैं। और अगस्त 2026 तक सूरत से बिलीमोरा के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जा सकती है।

सूरत में भारत का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन लगभग तैयार हो चुका है। बाकी के स्टेशनों पर भी तेजी से काम हो रहा है। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन बनने हैं, जिनमें कई स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में होंगे।

क्यों है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत के लिए खास?

  • बुलेट ट्रेन सिर्फ एक नई ट्रेन नहीं है, बल्कि यह भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला प्रोजेक्ट है।
  • इससे भारत हाई-स्पीड ट्रेन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बन रहा है।
  • इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का भी बेहतर प्रदर्शन हो रहा है।
  • लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
  • यात्रियों को सुरक्षित और तेज सफर का नया अनुभव मिलेगा।

रेल मंत्री का अपडेट और आगे की योजना

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार इस प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक वीडियो जारी कर बताया कि 300 किलोमीटर वायाडक्ट बनकर तैयार हो गया है। उनके मुताबिक, आने वाले महीनों में और भी बड़े अपडेट सामने आएंगे।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट को लेकर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द भारतीयों को बुलेट ट्रेन का सपना साकार होते दिखे।

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