फिल्में देखना भला किसे पसंद नहीं होता? कभी बड़े-बड़े पहाड़ों से भिड़ते सुपरहीरो, तो कभी 50वीं मंजिल से छलांग लगाती कार, आसमान में उगते ड्रैगन, या आग के दरिया को पार करता नायक, ये सब हमें रोमांच से भर देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये हैरतअंगेज़ सीन असल में दिखाए कैसे जाते हैं?
Difference Between CGI And VFX: फिल्मों की दुनिया में आपने कई बार सुपरहीरोज़ को हवा में उड़ते, राक्षसों से भिड़ते, या फिर इमारतों को तोड़ते हुए देखा होगा। ऐसी हैरतअंगेज़ चीजें देखकर अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है, क्या ये सब सच में शूट किया गया है? जवाब है - नहीं। असल में इन दृश्यों को पर्दे पर जीवंत बनाने में जिस तकनीक का कमाल होता है, वो है वीएफएक्स (VFX) और सीजीआई (CGI)।
कई लोग मानते हैं कि VFX और CGI एक ही चीज हैं, लेकिन सच यह है कि दोनों में बुनियादी फर्क होता है। आसान भाषा में कहें तो CGI को आप VFX का एक हिस्सा भी मान सकते हैं, लेकिन दोनों की अपनी-अपनी परिभाषा और इस्तेमाल का तरीका होता है। आइए इसे आम बोलचाल के उदाहरणों से समझते हैं।
CGI क्या होता है?
CGI का पूरा नाम Computer Generated Imagery है। यानी कोई भी ऐसी इमेज, एनिमेशन या ग्राफिक्स, जिसे कंप्यूटर की मदद से बनाया गया हो और जो वास्तविक दुनिया में मौजूद नहीं है। जैसे - विशाल राक्षस, उड़ने वाले ड्रैगन, या फिर कोई अनोखा महल। मान लीजिए कोई फिल्म है जिसमें 100 फीट लंबा सांप दिखाना है। असल में ऐसा सांप पकड़ना तो संभव नहीं, और न ही उसे कैमरे में शूट किया जा सकता है। ऐसे में कलाकारों के अभिनय को मिलाकर सांप का डिज़ाइन कंप्यूटर में तैयार किया जाता है — इसे ही CGI कहा जाता है।
एक बेहतरीन उदाहरण है फिल्म बाहुबली। उसमें जो महल, युद्ध भूमि, विशालकाय हाथी या झरने दिखे, वो सभी CGI का नतीजा थे। असल में वो जगहें या जीव कहीं मौजूद नहीं थे, पर कंप्यूटर तकनीक ने उन्हें सजीव बना दिया।
VFX क्या होता है?
VFX यानी Visual Effects। यह असली दुनिया में फिल्माए गए सीन को कंप्यूटर ग्राफिक्स, CGI, 3D मॉडलिंग और दूसरी तकनीकों से जोड़कर उसमें स्पेशल इफेक्ट्स डालने की प्रक्रिया है। साधारण भाषा में कहें तो VFX वो तरीका है जिसमें रियल शूटिंग (लाइव एक्शन) को कंप्यूटर इमेजरी और इफेक्ट्स के साथ मिलाकर नया सीन तैयार किया जाता है। जैसे कोई हीरो असली में कूद रहा है, लेकिन VFX की मदद से उसे आग में कूदता दिखा दिया गया, या फिर सुपरपावर से बिजली छोड़ता हुआ दिखाया गया।
एक उदाहरण लें फिल्म ब्रह्मास्त्र का। उसमें रणबीर कपूर जब हाथ फैलाकर आग को कंट्रोल करते हैं, असल में उनके हाथ खाली थे, पर VFX ने उनके हाथों में जलती हुई आग का इफेक्ट जोड़ा। यही वजह है कि ऑडियंस को वो सीन बेहद असली लगता है।
CGI और VFX में बड़ा फर्क
CGI
- पूरी तरह कंप्यूटर से बनाई गई इमेजरी
- कोई कैरेक्टर, एनिमल, जगह जो रियल में नहीं है
- जैसे बाहुबली का महल, एनिमेटेड राक्षस
VFX
- रियल शूट + कंप्यूटर ग्राफिक्स का मेल
- शूट किए गए वीडियो में इफेक्ट जोड़ना
- जैसे रणबीर कपूर के अग्नि शक्ति वाले दृश्य (ब्रह्मास्त्र)
- यानि अगर आसान शब्दों में कहें तो CGI एक डिजिटल निर्माण है, जबकि VFX डिजिटल और असली शूट का कॉम्बिनेशन है।
फिल्म इंडस्ट्री में कैसे होता है इस्तेमाल?
आजकल लगभग हर बड़ी फिल्म में VFX और CGI का इस्तेमाल किया जाता है। पहले दौर में मेकअप, स्टंट और छोटे-मोटे कैमरा ट्रिक्स से काम चलता था, लेकिन अब तकनीक इतनी एडवांस है कि जो चीजें इंसानी कल्पना में भी मुश्किल लगें, उन्हें भी पर्दे पर साकार किया जा सकता है।
- प्री-प्रोडक्शन में सबसे पहले स्क्रिप्ट और स्टोरीबोर्ड बनाकर तय किया जाता है कि किस सीन में VFX या CGI लगेगा।
- प्रोडक्शन यानी शूटिंग के दौरान ग्रीन स्क्रीन, मोशन कैप्चर सूट और स्पेशल कैमरों की मदद से जरूरी फुटेज रिकॉर्ड की जाती है।
- पोस्ट-प्रोडक्शन में VFX आर्टिस्ट और CGI एक्सपर्ट उस रॉ फुटेज में डिजिटल इफेक्ट्स डालते हैं।
- इस पूरी प्रक्रिया में हजारों घंटे का मेहनत और एक बड़ा बजट खर्च होता है। मगर यही वजह है कि दर्शक सिनेमा हॉल में बैठकर भी सोचते हैं — क्या ये सच था?
क्यों जरूरी हैं VFX और CGI?
फिल्मों को ज्यादा आकर्षक, कल्पनाशील और ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इन तकनीकों का इस्तेमाल जरूरी हो गया है।
- सुपरहीरो की फिल्मों में
- साइंस फिक्शन और फैंटेसी कहानियों में
- पीरियड ड्रामा और इतिहास दिखाने में
- एनिमल सीक्वेंस या प्राकृतिक आपदा के सीन में
हर जगह इनका रोल बढ़ता जा रहा है।