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Closing bell: लगातार दूसरे दिन बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 297 अंक टूटा, निफ्टी 25,150 के नीचे बंद

Closing bell: लगातार दूसरे दिन बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 297 अंक टूटा, निफ्टी 25,150 के नीचे बंद

14 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 297 अंक टूटकर 82,000 के पास और निफ्टी 100 अंकों से ज्यादा गिरकर 25,122 पर बंद हुआ। दिनभर की अस्थिरता के बाद बाजार पर बिकवाली का दबाव हावी रहा, जिससे मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी भारी गिरावट आई।

Stock Market Today: सोमवार, 14 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। शुरुआती तेजी के बावजूद दिन के दूसरे हिस्से में बिकवाली हावी रही। सेंसेक्स 297 अंक गिरकर लगभग 82,000 के स्तर पर और निफ्टी 100 अंक टूटकर 25,122 पर बंद हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और वैश्विक बाजारों की मजबूती के बावजूद घरेलू निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। निफ्टी बैंक, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी तेज गिरावट दर्ज की गई।

तेजी से शुरुआत, लेकिन बिकवाली ने पलटा माहौल

सुबह के कारोबार में बाजार में हल्की तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 246 अंकों की बढ़त के साथ 82,573.37 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी ने भी 83 अंकों की बढ़त के साथ 25,310.35 के स्तर को छुआ। शुरुआती सत्र में आई यह तेजी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। निवेशकों की मुनाफावसूली और विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के चलते धीरे-धीरे बाजार का रुख पलट गया।

दोपहर के कारोबार तक सेंसेक्स 350 अंकों से ज्यादा गिर गया। दिन के अंत में सेंसेक्स 297 अंक की गिरावट के साथ लगभग 82,000 अंक के आसपास बंद हुआ। निफ्टी में भी 100 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 25,122 के स्तर पर बंद हुआ।

ब्रॉडर मार्केट पर भी दिखा दबाव

सिर्फ सेंसेक्स और निफ्टी ही नहीं, बल्कि ब्रॉडर मार्केट में भी बिकवाली देखने को मिली। निफ्टी बैंक लगभग 145 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में करीब 435 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप सूचकांक 160 अंकों से ज्यादा फिसल गया। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे इनसेगमेंट्स में नुकसान बढ़ गया।

क्यों टूटा बाजार?

विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में आई यह गिरावट वैश्विक कारकों और घरेलू बिकवाली दोनों के कारण रही। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर निवेशकों में आशावाद था, लेकिन अमेरिकी बाजारों में आई अस्थिरता और डॉलर की मजबूती ने घरेलू सेंटिमेंट को कमजोर किया। इसके अलावा, कुछ सेक्टरों में वैल्यूएशन ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके थे, जिस कारण निवेशकों ने मुनाफा बुक करने का फैसला लिया।

साथ ही, बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर भी भारतीय बाजार पर दिखा। इससे विदेशी निवेशक सतर्क हो गए और उन्होंने पूंजी निकासी शुरू कर दी, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा।

कौन से सेक्टर रहे कमजोर

दिनभर के कारोबार में ऑटो, बैंकिंग और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा दबाव में रहे। निफ्टी बैंक, पीएसयू बैंक और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। ऑटो शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखने को मिला। दूसरी ओर, एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर में हल्की मजबूती देखने को मिली, लेकिन यह बाजार की गिरावट को थामने के लिए पर्याप्त नहीं थी।

आईटी सेक्टर में इंफोसिस और टीसीएस जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट आई। बैंकिंग में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों ने इंडेक्स पर दबाव बढ़ाया।

टॉप गेनर्स और लूजर्स

दिन के कारोबार में कुछ शेयरों ने मजबूती दिखाई जबकि कई दिग्गज शेयर लाल निशान में फिसल गए।

टॉप गेनर्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, डॉ. रेड्डीज लैब और ब्रिटानिया जैसे एफएमसीजी शेयर शामिल रहे। इन कंपनियों के शेयरों ने बाजार की गिरावट के बीच भी मजबूती दिखाई।

टॉप लूजर्स में टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई और टीसीएस शामिल रहे। इन दिग्गज कंपनियों के शेयरों में 1 से 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।

निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट

दो दिन की लगातार गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति पर असर डाला है। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप घट गया है और निवेशकों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा और निवेशकों को सतर्क रहकर ही ट्रेडिंग करनी होगी।

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