उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना की वित्तीय सहायता बढ़ाकर ₹51,000 से ₹1,00,000 कर दी है। नई व्यवस्था के अनुसार, सहायता की राशि के कुछ हिस्से सीधे नववधू के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विवाह के खर्च से राहत देना है।
साथ ही, पात्रता की सीमा को बढ़ाकर उन परिवारों को भी शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय ₹3,00,000 तक हो।
सत्यापन, पारदर्शिता और नए नियम
योजना में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है — विवाह समारोह से पहले वर-वधू और अन्य लाभार्थियों का आधारबायोमेट्रिक मिलान होगा।
राजस्व अधिकारी एवं स्थानीय अधिकारी कई जिलों में रैंडम सत्यापन करते हैं ताकि अपात्र लाभार्थियों की पहचान हो सके।
सुलतानपुर में विशेष — क्या हुआ और क्या कहा गया
सुलतानपुर के लिए इस वर्ष 538 जोड़ों का लक्ष्य रखा गया है। मुहूर्त 3 नवंबर से शुरू होंगे और यह कार्यक्रम कुल 17 दिन चलेगा — जिसमें नवंबर में 14 दिन और दिसंबर में 3 दिन शामिल हैं।
इस वर्ष 1,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इस योजना पर ₹1,00,000 प्रति जोड़े खर्च करने का प्रावधान है।
आरोप, घोटाले और विवाद
एक मामला सामने आया है जिसमें एक तीन बच्चों वाली महिला को इस योजना के तहत लाभ दिया गया, जबकि वह पहले से विवाहित थी। इस प्रकार के दुरुपयोग की जांच जारी है। रिपोर्ट है कि इस योजना में फर्जीवाड़े किए गए — विवाहिता की दोबारा शादी कर दी गई, सत्यापन प्रक्रिया में चूक हुई। ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही और सत्यापन प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।