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DA Hike in Uttarakhand: धामी सरकार ने पेंशनरों को दी बड़ी राहत, महंगाई भत्ता में की 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी

DA Hike in Uttarakhand: धामी सरकार ने पेंशनरों को दी बड़ी राहत, महंगाई भत्ता में की 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी

प्रदेश सरकार ने राजकीय कर्मचारियों के बाद अब पेंशनर और पारिवारिक पेंशनरों को भी बड़ी राहत दी है। सरकार ने सातवें वेतनमान के अंतर्गत महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है।

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। अब पेंशनरों को पहले की 55% के बजाय 58% महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) मिलेगी। यह फैसला 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा, जिससे राज्य के लगभग 40,000 पेंशनरों को सीधा लाभ मिलने जा रहा है।

55% से बढ़कर हुआ 58% महंगाई भत्ता, 1 जुलाई 2025 से लागू होगी नई दरें

वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कहा कि सातवां वेतनमान पाने वाले राजकीय पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर दोनों को इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। यह निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा 11 अक्टूबर को राज्य कर्मचारियों के लिए DA बढ़ाने के बाद लिया गया है। अब पेंशनरों को भी उसी दर से राहत दी जाएगी, जिससे वेतनभोगी और पेंशनभोगी दोनों वर्गों के बीच संतुलन बना रहेगा।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी और इसका भुगतान नवंबर महीने की पेंशन में किया जाएगा। राज्य के वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और कोषागार अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं कि पेंशन भुगतान में नई दरों के अनुसार महंगाई राहत जोड़ी जाए। यह फैसला आर्थिक दृष्टि से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि बढ़ती महंगाई से उनकी मासिक आय पर सीधा असर पड़ रहा था।

लगभग 40 हजार पेंशनरों को मिलेगा लाभ

वित्त विभाग के अनुसार, इस फैसले से करीब 40,000 पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इसमें वे सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं जो सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत आते हैं। सरकार के अनुमान के अनुसार, इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर सालाना लगभग 120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इसे ‘सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारी’ बताया है।

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