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दीपशिखा नागपाल ने खोला दिल का राज, कहा- 'दो बार तलाक के बाद भी शादी से नहीं डरती'

दीपशिखा नागपाल ने खोला दिल का राज, कहा- 'दो बार तलाक के बाद भी शादी से नहीं डरती'

बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और छोटे पर्दे की मशहूर चेहरे दीपशिखा नागपाल ने हाल ही में एक बेबाक इंटरव्यू में अपनी निजी जिंदगी के कई पहलुओं पर खुलकर बात की। 

Deepshikha Nagpal On Marriage: दीपशिखा नागपाल ने अपनी फिल्मों 'बादशाह' और 'सिर्फ तुम' से खास पहचान तो हासिल की, लेकिन वे बॉलीवुड में वह सफलता नहीं पा सकीं जो शायद उन्होंने उम्मीद की थी। इसके अलावा उन्होंने छोटे पर्दे पर भी कई प्रोजेक्ट्स में काम किया है। हाल ही में दीपशिखा ने अपनी जिंदगी के निजी पहलुओं पर खुलकर बात की और अपनी दो असफल शादियों को लेकर ईमानदारी से अनुभव साझा किए।

दो बार तलाक, फिर भी शादी से नहीं डरतीं दीपशिखा

दीपशिखा नागपाल ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड से की थी, जहां उन्होंने 'बादशाह' और 'सिर्फ तुम' जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि बॉलीवुड में उन्हें वह लोकप्रियता नहीं मिली जो उन्होंने उम्मीद की थी, लेकिन छोटे पर्दे पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई। लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ उतनी आसान नहीं रही।

अपने हालिया इंटरव्यू में दीपशिखा ने खुलासा किया कि वे अब तक दो बार शादी कर चुकी हैं, दोनों शादियां टूट चुकी हैं। पहली शादी उनके और अभिनेता जीत उपेंद्र के बीच हुई थी, जो 2007 में खत्म हो गई। इसके बाद 2012 में उन्होंने कैशव अरोड़ा से दूसरी शादी की, जो 2016 में तलाक में खत्म हो गई।

लेकिन उन्होंने साफ किया कि अपनी पिछली शादियों के बावजूद वे शादी से बिल्कुल भी डरती नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं तीन बार, चार बार भी शादी कर सकती हूं। मुझे इसमें कोई शर्म नहीं है। मैं अपनी जिंदगी जी रही हूं और मैं प्यार और शादी में विश्वास करती हूं।

गलत वक्त पर हुई शादियां, नहीं है किसी पर इल्जाम

दीपशिखा ने यह भी माना कि उनकी दोनों शादियां सफल क्यों नहीं हो सकीं, इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि गलत समय था। वे अपने एक्स पार्टनर्स को दोष नहीं देतीं। उनका कहना है कि वे खुद भी सही वक्त पर सही फैसले नहीं ले पाईं। मैंने हमेशा गलत कारणों से शादी की। शादी हमेशा सही कारणों से होनी चाहिए। इसलिए मैं किसी को दोष नहीं देती। मैं एक कट्टर रोमांटिक हूं और प्यार में विश्वास करती हूं।

उनका मानना है कि जब दो लोग साथ नहीं रहते तो अपनी जिंदगी को बर्बाद करने की बजाय आगे बढ़ना बेहतर होता है। यही सोच उन्हें जीवन में मजबूती देती है।

रिश्तों से बाहर आने में लगा पांच-छह साल का वक्त

दीपशिखा ने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में भी काफी ईमानदारी से बात की। उन्होंने बताया कि उनके लिए एक रिश्ता खत्म कर पाना बहुत मुश्किल होता है। उनकी मानसिकता कुछ ऐसी थी कि वे आसानी से किसी रिश्ते से बाहर नहीं आ पाती थीं और उसमें फंसी रहती थीं। उन्होंने कहा,मुझे पांच से छह साल लग गए खुद को इससे बाहर निकालने में। मैं अपने आप को दोषी समझती रही, लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे इस चक्र को तोड़ना होगा। इस प्रक्रिया में उन्होंने बौद्ध जीवन शैली अपनाई, जिससे उन्हें शांति मिली और उन्होंने अपने आप को बेहतर समझा।

खुद को बेहतर बनाया, अब शादी के लिए तैयार

इसी आत्म-निरीक्षण के बाद दीपशिखा ने अपने जीवन के मानकों और ऊर्जा को बढ़ाया। उन्होंने खुद पर काम किया ताकि फिर से वही गलत विकल्प न चुनें।अब मुझे पता है कि मुझे क्या चाहिए और मैं सही इंसान का इंतजार कर रही हूं। पिछले सात साल से अकेली हूं, लेकिन मुझे अकेलापन नहीं लगता। सही व्यक्ति जब आएगा, मैं तैयार हूं।

दीपशिखा नागपाल की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कई बार असफलताओं का सामना कर चुकी हैं, लेकिन फिर भी हार नहीं मानतीं। उनकी इस स्पष्ट सोच और बेबाकी ने साबित कर दिया है कि तलाक जैसी सामाजिक बाधाओं से डरना नहीं चाहिए बल्कि जिंदगी को पूरी खुलकर जीना चाहिए।

उन्होंने समाज की उस सोच को भी चुनौती दी जो तलाकशुदा महिलाओं को बार-बार पीछे धकेलती है। दीपशिखा ने स्पष्ट कहा कि शादी और प्यार के मामले में कोई सीमा नहीं होनी चाहिए और बार-बार नए रिश्तों के लिए तैयार रहना चाहिए।

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