अमित मालवीय ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर दो Active Voter ID रखने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह चुनावी कानूनों का उल्लंघन है और चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
New Delhi: बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के पास दो Active EPIC नंबर यानी Voter ID हैं। यह सीधे तौर पर चुनावी कानूनों का उल्लंघन है। मालवीय ने चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की है।
सोशल मीडिया पर उठी बहस
अमित मालवीय ने यह आरोप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार BJP पर “Vote चोरी” का आरोप लगाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के नेता ही चुनावी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। मालवीय ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और चुनाव आयोग को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
पवन खेड़ा के दो EPIC नंबर?
मालवीय ने दो EPIC नंबर सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि पवन खेड़ा के नाम से दो Active Voter ID मौजूद हैं।
पहला EPIC नंबर:
- नाम: पवन खेड़ा
- पिता का नाम: एच.एल. खेड़ा
- EPIC नंबर: XHC1992338
- विधानसभा: 41 जंगपुरा
- पार्ट नंबर: 28
- पार्ट नाम: निजामुद्दीन ईस्ट
- सीरियल नंबर: 929
दूसरा EPIC नंबर:
- नाम: पवन खेड़ा
- पिता का नाम: एच.एल. खेड़ा
- EPIC नंबर: SJE0755967
- विधानसभा: 40 नई दिल्ली
- पार्ट नंबर: 78
- पार्ट नाम: काका नगर
- सीरियल नंबर: 820
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी चुनावी गड़बड़ी के मुद्दे पर BJP पर लगातार आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन उन्होंने अब तक इस मामले में कोई शपथपत्र दाखिल नहीं किया है। उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही महाराष्ट्र में कथित चुनावी गड़बड़ी से जुड़े मामले को खारिज कर दिया था।
“कांग्रेस है असली वोट चोर” – मालवीय
अमित मालवीय ने कहा कि यह सच है कि कांग्रेस ही “Quintessential Vote Chor” है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सालों से अवैध घुसपैठियों को वैध कराती रही है और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करती रही है। मालवीय ने कहा कि चुनाव आयोग की एसआईआर (Special Investigation Report) की प्रक्रिया कांग्रेस की असलियत को सामने लाएगी।
मालवीय ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस मामले में गहराई से जांच करे। अगर पवन खेड़ा के पास सच में दो Active Voter ID हैं तो यह न केवल चुनावी कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी खतरा है।