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Dhanteras 2025: जाने सोना-चांदी खरीदने का सही मुहूर्त और पूजा विधि

Dhanteras 2025: जाने सोना-चांदी खरीदने का सही मुहूर्त और पूजा विधि

Dhanteras 2025 पर सोना, चांदी और नई वस्तुएं खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन उचित अमृत और प्रदोष काल में खरीदारी और पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और घर में खुशहाली बढ़ती है। शहर अनुसार समय और पूजा विधि का पालन करना लाभकारी है।

Dhanteras: दीपावली पर्व की शुरुआत और धन वृद्धि का प्रतीक, धनतेरस पर सोना, चांदी और नई वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पर्व भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर को समर्पित है। पूरे देश में विशेष अमृत काल और प्रदोष काल में खरीदारी और पूजा की जाती है। शहर अनुसार समय अलग-अलग है, जैसे नई दिल्ली में शाम 07:16 से 08:20 बजे तक और मुंबई में 07:49 से 08:41 बजे तक। इस दिन पूजा विधि और मंत्रों का पालन करने से धन, स्वास्थ्य और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

सोना-चांदी की खरीदारी का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना विशेष रूप से अमृत काल में शुभ माना जाता है। अमृत काल सुबह 08:50 बजे से 10:33 बजे तक रहेगा। इस समय सोना-चांदी खरीदने से धन में वृद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

शहर अनुसार सोना-चांदी खरीदने का समय भिन्न है। नई दिल्ली में यह समय शाम 07:16 से 08:20 बजे तक है, वहीं कोलकाता में शाम 06:41 से 07:38 बजे तक रहेगा। मुंबई में शाम 07:49 से 08:41 बजे तक और बेंगलुरु में 07:39 से 08:25 बजे तक अमृत काल माना गया है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि खरीदारी के दौरान शुभ मुहूर्त का पालन किया जाए, जिससे खरीदी गई वस्तुएं धन-संपत्ति और खुशहाली का प्रतीक बनें।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

धनतेरस पूजा के लिए प्रदोष काल शाम 07:16 से 08:20 बजे तक शुभ माना गया है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा कर सकते हैं।

पूजा की विधि में सबसे पहले घर और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करना चाहिए। रंगोली बनाएं और दीपक जलाएं। पूजा स्थान पर गणेश जी, धन्वंतरि, लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करें। पहले गणेश जी की पूजा करें, उसके बाद देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि जी को फल, फूल, मिठाई, हल्दी, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें। इस दिन खरीदी गई नई वस्तु को भी पूजा में रखें। पूजा के अंत में आरती करें और शंखनाद करें। शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का चार मुख वाला यम दीपक जलाएं और घर को रोशन करें।

शहर अनुसार पूजा और खरीदारी का समय

  • नई दिल्ली: शाम 07:16 – 08:20 बजे
  • गुड़गांव: शाम 07:17 – 08:20 बजे
  • जयपुर: शाम 07:24 – 08:26 बजे
  • कोलकाता: शाम 06:41 – 07:38 बजे
  • पुणे: शाम 07:46 – 08:38 बजे
  • चेन्नई: शाम 07:28 – 08:15 बजे
  • नोएडा: शाम 07:15 – 08:19 बजे
  • अहमदाबाद: शाम 07:44 – 08:41 बजे
  • बेंगलुरु: शाम 07:39 – 08:25 बजे
  • मुंबई: शाम 07:49 – 08:41 बजे
  • चंडीगढ़: शाम 07:14 – 08:20 बजे
  • हैदराबाद: शाम 07:29 – 08:20 बजे
  • लखनऊ: शाम 07:05 – 08:08 बजे

इन समयों का पालन करने से खरीदारी और पूजा का फल अधिक लाभकारी माना जाता है।

धनतेरस का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इसलिए धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं। घर में बरकत और समृद्धि बनी रहती है, इसलिए व्यापारियों और परिवारों में इस दिन की खरीदारी को विशेष महत्व दिया जाता है।

पूजा मंत्र

  • ॐ धन्वंतराये नमः॥
  • ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
  • अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
  • श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

इन मंत्रों का उच्चारण करने से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के साथ घर में सुख-शांति बनी रहती है।

पूजा के लाभ

धनतेरस पूजा के दौरान खरीदी गई नई वस्तुएं और सोना-चांदी को शामिल करना विशेष लाभकारी माना जाता है। इससे घर में आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यह पर्व न केवल आर्थिक लाभ का प्रतीक है, बल्कि पारिवारिक सुख और सामूहिक भक्ति का भी संदेश देता है।

Dhanteras 2025 न केवल धन और स्वास्थ्य की वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक एकता का पर्व भी है। सही मुहूर्त में सोना-चांदी खरीदने और पूजा विधि का पालन करने से लाभ और आशीर्वाद मिलता है। इस अवसर पर परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करें, दीपक जलाएं और घर को रोशन करें।

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