सीकर में मां पिंकी और उसके चार बच्चों की सामूहिक आत्महत्या के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हो पाए। मायके और पहले पति ने शव लेने से इंकार किया, अब दूसरे पति के आने का इंतजार है।
सीकर: राजस्थान के सीकर जिले में एक मां और उसके चार बच्चों की सामूहिक आत्महत्या की घटना ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। पालवास रोड स्थित अनिरुद्ध रेजिडेंसी में महिला किरण उर्फ पिंकी चौधरी (40) और उनके चार बच्चों के शव मिलने के बाद इलाके में शोक और सन्नाटा छा गया। प्रारंभिक जांच में पारिवारिक विवाद और आर्थिक तंगी को इस दर्दनाक कदम की मुख्य वजह माना जा रहा है।
शव लेने से मायके और एक्स-हसबैंड ने किया इनकार
पुलिस के अनुसार, मृतका पिंकी के शव को उसके मायके वालों ने लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने पहले पति नेमीचंद बाजिया से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने भी शव लेने से मना कर दिया। अंततः पुलिस ने पिंकी के दूसरे पति शैलेश झाझड़िया को सूचना दी, जिन्होंने 12 अक्टूबर को सीकर पहुंचने का भरोसा दिया। पुलिस का कहना है कि मृतकों का पोस्टमार्टम केवल घरवालों के आने के बाद ही कराया जाएगा।
इस देरी के कारण शव अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। इलाके में लोग इस विलंब और पारिवारिक विवाद को लेकर असंतोष जता रहे हैं। पुलिस इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की वास्तविक वजह सामने आएगी।
पिंकी के दो विवाह और जीवन की कठिनाइयाँ
पुलिस जांच में सामने आया कि किरण ने पहले पति नेमीचंद बाजिया से लव मैरिज की थी। कुछ सालों बाद उनका रिश्ता टूट गया और तलाक हुआ। भरण-पोषण के मामले अभी भी कोर्ट में लंबित थे। इसके बाद पिंकी ने झुंझुनूं निवासी शैलेश झाझड़िया से दूसरी शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी अधिक समय तक टिक नहीं पाया।
पिछले डेढ़ साल से पिंकी अपने चार बच्चों के साथ अकेली रह रही थी। पड़ोसियों और परिचितों के अनुसार, वह लगातार आर्थिक कठिनाइयों और पारिवारिक तनाव से जूझ रही थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यही माना जा रहा है कि आर्थिक तंगी और अकेलेपन ने महिला को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
पुलिस की जांच जारी
अनिरुद्ध रेजिडेंसी में यह घटना सामने आने के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है। पड़ोसी और स्थानीय लोग परिवार के प्रति संवेदना जता रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम के बाद मौत की सटीक वजह का खुलासा होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक और पारिवारिक तनाव कई बार मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। ऐसे मामलों में समय पर परिवार और समाज की मदद महत्वपूर्ण होती है।