गर्भावस्था के नौ महीने मां और परिवार के लिए एक अनमोल और भावनात्मक सफर होता है। लेकिन इस सफर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ आता है नौवें महीने के अंतिम सप्ताहों में, जब शरीर डिलीवरी की तैयारियों में लग जाता है। इस दौरान शरीर कुछ ऐसे शारीरिक और हार्मोनल संकेत देने लगता है, जिन्हें समझ लेना न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए जरूरी है, बल्कि पूरे परिवार को अलर्ट कर सकता है।
अक्सर महिलाएं फॉल्स लेबर और असली लेबर के बीच फर्क नहीं कर पातीं और इसी कारण अंतिम समय में अस्पताल पहुंचने में देरी हो जाती है। ऐसे में समय रहते सही संकेतों को पहचानकर न केवल चिंता कम की जा सकती है, बल्कि सुरक्षित और सहज डिलीवरी का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
शिशु का नीचे की ओर खिसकना
जब डिलीवरी का समय करीब आता है, तो गर्भ में पल रहा बच्चा नीचे की ओर खिसकने लगता है, यानी वह "बर्थ पोजिशन" में आ जाता है। इस स्थिति में महिला को पेट के निचले हिस्से में दबाव महसूस होने लगता है और बार-बार पेशाब की जरूरत पड़ सकती है।
यह संकेत दर्शाता है कि बच्चा अब जन्म के लिए तैयार हो रहा है। हालांकि, यह संकेत सभी महिलाओं में एक जैसा नहीं होता – कुछ को यह बदलाव हफ्तों पहले दिखता है, तो कुछ को डिलीवरी से ठीक एक दिन पहले।
म्यूकस प्लग का निकलना
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के मुंह को ढकने वाला एक गाढ़ा पदार्थ होता है जिसे म्यूकस प्लग कहा जाता है। जब डिलीवरी नजदीक होती है, तो यह प्लग बाहर निकलने लगता है। इसे महिलाएं एक जैली जैसी सफेद या गुलाबी डिस्चार्ज के रूप में अनुभव करती हैं।
यह संकेत बताता है कि सर्विक्स (गर्भाशय का मुंह) धीरे-धीरे खुल रहा है। यह डिस्चार्ज डिलीवरी से कुछ घंटे पहले या एक-दो दिन पहले भी हो सकता है।
पेट खराब होना या लूज मोशन आना
कई बार डिलीवरी से कुछ दिन पहले महिलाओं को लूज मोशन या हल्के पेट दर्द की समस्या हो सकती है। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर का प्राकृतिक तरीका है खुद को डिलीवरी के लिए तैयार करने का।
हार्मोनल बदलावों के कारण पाचन तंत्र थोड़ी देर के लिए तेज़ हो सकता है और आंतें खुद को साफ करने लगती हैं। अगर पेट बार-बार खराब हो रहा हो, तो समझें कि यह डिलीवरी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
लगातार कमर और पीठ में दर्द
अर्ली लेबर का सबसे प्रमुख संकेत होता है कमर के निचले हिस्से और पीठ में रुक-रुक कर दर्द होना। यह दर्द एक नियमित पैटर्न में आता-जाता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। कुछ महिलाएं इसे मासिक धर्म के दर्द जैसा महसूस करती हैं।
अगर यह दर्द 20 से 30 मिनट के अंतराल पर हो और फिर धीरे-धीरे 10-15 मिनट में बदलने लगे, तो यह स्पष्ट संकेत है कि लेबर शुरू हो चुका है और आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
एनर्जी में अचानक बदलाव
कुछ महिलाएं डिलीवरी से ठीक पहले अचानक बहुत ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करती हैं। उन्हें घर की सफाई, बच्चे के कपड़े व्यवस्थित करने, बैग पैक करने जैसे काम करने की इच्छा होती है। इसे Nesting Instinct कहा जाता है।
यह संकेत बताता है कि महिला का मन और शरीर दोनों डिलीवरी के लिए तैयार हो रहे हैं। यह एक सकारात्मक मानसिक संकेत होता है, लेकिन इसके साथ अगर शारीरिक लक्षण भी दिखें तो सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या करें इन संकेतों को पहचान कर?
- हॉस्पिटल बैग तैयार रखें: जरूरी दस्तावेज, कपड़े, मेडिकल रिकॉर्ड्स और नवजात के लिए जरूरी चीजें एक बैग में रखें।
- डॉक्टर को सूचना दें: जैसे ही ये संकेत दिखें, अपने गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
- परिवार को सतर्क करें: सुनिश्चित करें कि किसी भी समय हॉस्पिटल जाने की स्थिति में आपके साथ कोई मौजूद हो।
- आराम करें लेकिन सजग रहें: इन संकेतों के दिखने के बाद ज़्यादा भागदौड़ करने के बजाय मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें।
प्रसव से पहले महिला का शरीर कई ऐसे साफ संकेत देता है, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। शिशु का नीचे आना, म्यूकस प्लग का निकलना, पेट की हलचल, कमर दर्द और व्यवहार में अचानक बदलाव – ये सभी प्राकृतिक रूप से डिलीवरी का अलार्म बजाते हैं।